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पश्चिम बंगाल के पंचायतों में निर्विरोध जीते उम्मीदवारों का फैसला 27 तक

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में निर्विरोध जीते उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला सोमवार तक आएगा।

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पश्चिम बंगाल के पंचायतों में निर्विरोध जीते उम्मीदवारों का फैसला 27 तक

- सुप्रीम कोर्ट ने पूरी की सुनवाई
नई दिल्ली.

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में निर्विरोध जीते उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला सोमवार तक आएगा। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की खण्डपीठ ने सोमवार को करीब 2 घंटे की सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुना। चुनाव में धांधली के आरोप लगाने वाली अलग-अलग याचिकाओं पर कोर्ट ने अपनी सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने एक सप्ताह में फैसला सुनाने की बात कही है। माना जा रहा है कि अगले सोमवार (27 अगस्त) को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि गत शुक्रवार को खण्डपीठ के न्यायाधीश ए.एम. खानवालिका के अस्वस्थ होने के कारण सुनवार्ई टल गई थी।

पार्टियों ने उठाए सवाल-
मामले की सुनवाई के दौरान भाजपा के अधिवक्ता ने जोरदार सवाल किया और कहा कि राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिन सीटों पर निर्विरोध जीत हुई है, उनकी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लडऩे को तैयार थे, पर उन्हें नामांकन से रोक दिया गया। ऐसे में उन सीटों पर नए सिरे से चुनाव कराए जाएं। जबकि माकपा ने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण रूप से सत्तारूढ़ दल की निगरानी में चल रही थी। पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट से ई-मेल और व्हाट्सएप्प के जरिए भेजे गए नामांकन को वैध करार देने की अपील की। कारण कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसे वैध करार दिया था। इस संदर्भ में राज्य निर्वाचन आयोग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उक्त आदेश को बैड ऑर्डर करार देते हुए स्थगनादेश जारी कर दिया था। इधर, सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 50 फीसदी से अधिक सीटों पर निर्विरोध चुनाव हो चुके हैं। पश्चिम बंगाल में हमने अपने पास आई शिकायतों पर कार्रवाई की है।

ग्राम पंचायतों के गठन में बाधा-
पश्चिम बंगाल सरकार ने भाजपा, माकपा और कांग्रेस की याचिका खारिज करने की मांग की है। राज्य सरकार ने कहा कि कोई भी उम्मीदवार डर का हवाला देते हुए कोर्ट नहीं पहुंचा, पार्टियां राजनीति कर रही हैं। उनकी याचिका के चलते राज्य में त्रिस्तरीय पंचायतों का गठन रुका हुआ है।

निर्विरोध चुने जाने से जताई थी हैरानी-
गत मई में हुए पंचायत चुनावों में 34 फीसदी सीटों पर तृणमूल कांग्रेस को निर्विरोध जीत हासिल हुई थी। सुप्रीम कोर्ट इन आंकड़ों पर हैरानी जता चुका है। गत 3 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा था कि 16 हजार सीटों पर किसी दूसरे उम्मीदवार का खड़ा न होना सही नहीं लगता। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात के संकेत दिए थे कि ऐसी सीटों पर दोबारा चुनाव हो सकते हैं।

इतनी सीटों पर है विवाद-

ग्राम पंचायत- 16,873
पंचायत समिति- 3099

जिला परिषद- 204