
हुमायूं कबीर
पश्चिम बंगाल की सियासत में नया मोड़ आते हुए भरतपुर से निलंबित तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार को अपनी नवगठित जनता उन्नयन पार्टी (जेयूपी) के जरिए आगामी विधानसभा चुनाव में 182 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया। राज्य की कुल 294 सीटों में से यह बड़ा दावा है, जो पहले उनके 135 सीटों पर लड़ने के बयान से कहीं आगे है। कबीर का स्पष्ट कहना है कि उनकी पार्टी का मुख्य उद्देश्य भाजपा को सत्ता में आने से रोकना है।
मीडिया से बातचीत में कबीर ने कहा, "हमारा एकमात्र लक्ष्य भाजपा को रोकना है। 182 सीटों पर लड़ने के बाद नतीजे चमत्कारी होंगे, जो बंगाल के बड़े-बड़े नेता भी नहीं कर पाए।" उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी अगली सरकार गठन में निर्णायक भूमिका निभाएगी। पहले उन्होंने कम से कम 90 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब रणनीति में बदलाव कर अधिक सीटों पर फोकस किया जा रहा है।
कबीर ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम से गठबंधन की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा, "आईएसएफ के साथ भविष्य में हम जुड़ रहे हैं। अगर एआईएमआईएम शामिल होना चाहे तो स्वागत है।" हालांकि, आईएसएफ की तरफ से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सीट बंटवारे पर उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर तक बातचीत का इंतजार करेंगे, उसके बाद पूरी तस्वीर साफ होगी।
कबीर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा, "जो मुझे गद्दार कह रहे हैं, वही मुस्लिम समाज को हर कदम पर धोखा देते आए हैं। वक्फ एक्ट जैसे मुद्दों पर समुदाय को गुमराह किया गया।" उनका आरोप है कि तृणमूल ने वादे किए लेकिन हकीकत में ठगा।
प्रचार के लिए कबीर ने बड़ा प्लान बताया। वे रोजाना तीन विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे और समय बचाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा, "तृणमूल, भाजपा, कांग्रेस या माकपा से कोई चिंता नहीं है।"
तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कबीर के बयान पर कहा, "कोई भी पार्टी बना सकता है, इसमें दिक्कत नहीं। फैसला जनता करती है और जनता समझदार है।" उन्होंने याद दिलाया कि 2019 में कबीर भाजपा में थे और धार्मिक मुद्दों को राजनीति से दूर रखना चाहिए।
Published on:
27 Dec 2025 10:43 pm
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