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‘परमबीर ने छुपाया था आतंकी कसाब का फोन’, रिटायर्ड ACP ने किया बड़ा खुलासा

मुंबई पुलिस के पूर्व एसीपी शमशेर खान पठान ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में पठान ने दावा किया कि 'जानबूझकर परमबीर सिंह ने 26/11 मुंबई हमले से जुड़े सबूतों को नष्ट किया है और वो देश के दुश्मनों के साथ शामिल थे।'

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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर की मुसबीतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। वसूली के बाद परमबीर सिंह पर 26/11 हमले के मास्टरमाइन्ड कसाब का मोबाईल फोन गायब करने का आरोप लगा है। ये आरोप मुंबई पुलिस के रिटायर एसीपी शमशेर खान पठान ने लगाया है।

मुंबई पुलिस के पूर्व एसीपी शमशेर खान पठान ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने बताया है कि '26/11 के दिन अजमल आमिर कसाब को जब पकड़ा गया था तब इसकी जानकारी मिलने के बाद मैंने अपने साथी एनआर माली को फोन किया था। उस समय माली ने मुझे बताया था कि अजमल कसाब का मोबाईल फोन भी बरामद हुआ है। माली ने जानकारी दी थी कि उस समय कई बड़े अधिकारी कसाब की गिरफ़्तारी के बाद पहुंचे थे, जिसमें से एक एटीएस के तत्कालीन चीफ परमबीर सिंह भी थे। माली ने मुझे बताया था कि कसाब का फोन कांबले के पास था जिसे परमबीर सिंह ने अपने पास रख लिया था।'

पठान ने अपनी चिट्ठी में दावा किया है कि 'ये वही फोन था जिससे अजमल कसाब को पाकिस्तान से निर्देश मिल रहे थे। इस मोबाइल फोन से हमले के पीछे पाकिस्तान और भारत में आतंकियों के हैन्डलर का खुलासा हो सकता था, परंतु ये फोन जांच में शामिल ही नहीं हुआ था। उस समय कसाब के मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच के पुलिस इंस्पेक्टर महालय कर रहे थे, जिन्हें परमबीर सिंह ने ये फोन जांच के लिए दिया ही नहीं था।'

इस चिट्ठी में पठान ने आगे लिखा है कि 'हमें इस बात का संदेह था कि कसाब के फोन में दोनों देशों में आतंकियों के कनेक्शन के अलावा कुछ बड़े व्यक्तियों का नाम भी हो सकता हैं, परंतु ये जांच का हिस्सा नहीं बना । ये फोन यदि जांच में शामिल होता तो कई महत्वपूर्ण जानकारी आज हमारे पास होती। शायद कई हमलों की योजना का भी पता चलता। मैंने इस बारे में इन्स्पेक्टर माली से बात की थी तब उन्होंने मुझे कहा था कि वो सबूत लेने एटीएस चीफ परमबीर सिंह के पास गए थे। उन्होंने ये सबूत क्राइम ब्रांच को सौंपने के लिए भी कहा था, परंतु वो उलट माली पर ही भड़क गए और उन्हें ऑफिस से निकाल दिया था।'

यही नहीं पठान ने अपनी चिट्ठी में ये भी दावा किया है कि 'जब ये जानकारी तत्कालीन कमिश्नर वेंकेटेशम को दी गई तो उन्होंने भी इसपर कोई एक्शन नहीं लिया। हालांकि, माली ने अपनी व्यक्तिगत जांच को जारी रखा और सभी रिकॉर्ड्स खंगाले तो पाया कि रिकॉर्ड्स में कसाब के पास फोन होने की जानकारी शामिल ही नहीं की गई है। इसका अर्थ है कि क्राइम ब्रांच तक सभी सबूत नहीं पहुंचे थे। ये मामला साबित करता है कि जानबूझकर परमबीर सिंह ने 26/11 मुंबई हमले से जुड़े सबूतों को नष्ट किया है और वो देश के दुश्मनों के साथ शामिल थे।' अपनी चिट्ठी के आखिर में पूर्व एसीपी पठान ने पुलिस कमिश्नर से कहा है कि रिटायर्ड ACP होने के नाते अब इस मामले में वो चुप नहीं रह सकते और अब वो परमबीर सिंह के खिलाफ जांच चाहते हैं।

बता दें कि पूर्व एसीपी शमशेर खान पठान से पहले तत्कालीन पुलिस आयुक्त हसन गफूर ने भी परमबीर सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों पर 26/11 आतंकवादी हमले के समय आतंकवादियों से लड़ने से इंकार करने का आरोप लगाया था।

परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ तत्कालीन पुलिस आयुक्त हसन गफूर ने भी आरोप मढ़े थे। उनका कहना था कि 26/11 आतंकवादी हमले के समय परमबीर सिंह सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आतंकवादियों से मुकाबला करने से इनकार कर दिया था।

बता दें कि परमबीर सिंह पर ये आरोप तब सामने आए हैं, जब वो कई दिनों तक गायब रहने के बाद वसूली मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के समक्ष पेश हुए हैं।