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सिद्धू की सोनिया दरबार में हाजिरी, पंजाब पर जल्द आ सकता है कांग्रेस आलाकमान का फैसला

पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है और कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह को निपटाया जा सकता है।

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Navjot Singh Siddhu and Harish Rawat meets Sonia Gandhi

Navjot Singh Siddhu and Harish Rawat meets Sonia Gandhi

नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच खींचतान लगातार जारी है। ना तो अमरिंदर सिंह लगाम ढीली करने के मूड में दिखाई दे रहे हैं और ना ही सिद्धू पीछे हटने के मूड में। इसी बीच बड़ी खबर यह आई है कि पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है और इस बैठक में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद थे।

एक घंटे की इस मुलाकात के बाद जब नवजोत सिंह सिद्धू बाहर आए तो मीडिया से बातचीत किए बिना ही 10 जनपथ से निकल गए। हालांकि हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपने आए थे।

राजनीतिक पंडितों के अनुसार पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान से जुड़ी यह आखिरी मीटिंग है और आज ही सिद्धू को लेकर पार्टी बड़ा ऐलान कर सकती है। सूत्रों के अनुसार सिद्धू को पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर बैठाया जा सकता है, जिसके लिए हरीश रावत और प्रियंका गांधी ने सिद्धू की पैरवी की है। लेकिन अमरिंदर गुट इस पर सहमत होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।

गुरुवार को भी पंजाब में उस समय सियासी ड्रामा चरम पर था जब हरीश रावत ने सिद्धू के प्रदेशाध्यक्ष बनने की बात कही और अमरिंदर सिंह ने विधायकों के समर्थन के बल पर इस फरमान को नामंजूर कर दिया था। जिसके बाद हरीश रावत को अपने बयान से पीछे हटना पड़ा और कहना पड़ा कि मीडिया ने उनके बयान का गलत अर्थ निकाला है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत देर शाम चंड़ीगढ़ पहुंच सकते हैं और इस कलह को अंतिम मोड़ दिया जा सकता है। हरीश रावत इस मामले में लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं और इस राजनीतिक जंग को रोकने का भरसक प्रयास कर रहे हैं।

बता दें कि पंजाब कांग्रेस का मसला सुलझाने के बाद कांग्रेस हाईकमान राजस्थान की कलह निपटाने की ओर कदम बढ़ा सकता है। सचिन पायलट लागतार हाईकमान से सुनवाई की गुहार लगा रहे हैं और अपने समर्थित विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए दबाव बना रहे हैं। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में हाईकमान सचिन पायलट को दिल्ली बुला सकता है और सुलह की कोशिशें शुरू की जा सकती हैं।