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Maharashtra: पवार ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, राज्यपाल कोश्यारी की शिकायत

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ( Sharad Pawar ) ने पीएम मोदी के नाम लिखा खुला खत। महाराष्ट्र में गर्वनर भगत सिंह कोश्यारी और सीएम उद्धव ठाकरे विवाद की दी जानकारी। पवार ने राज्यपाल के खत की भाषा पर जताई हैरानी और कहा- यह गरिमा के अनुरूप नहीं।

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NCP Supremo Sharad Pawar writes letter to PM Modi about BS Koshyari

NCP Supremo Sharad Pawar writes letter to PM Modi about BS Koshyari

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सुप्रीमो शरद पवार ( Sharad Pawar ) ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खत लिखा। इसमें उन्होंने लिखा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में की गई भाषा के इस्तेमाल से वह काफी हैरान हैं। महाराष्ट्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच जारी तनातनी धार्मिक स्थानों को फिर से खोले जाने को लेकर शुरू हुई थी।

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दरअसल इस पूरे मामले की शुरुआत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम लिखी चिठ्ठी से हुई। ठाकरे ने राज्यपाल की चिट्ठी का पलटकर जवाब दिया और अब महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की सहयोगी पार्टी एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने इस मामले पर सीधे पीएम नरेंद्र मोदी को ही पत्र लिख डाला है। इस पत्र में पवार ने राज्यपाल की शिकायत और सीएम का समर्थन किया है।

पवार ने पीएम को लिखे अपने पत्र में बताया कि राज्यपाल का अपना व्यक्तिगत मत हो सकता है। हालांकि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी भाषा में शब्दों के चयन पर ध्यान दे।

पवार ने लिखा, "मैं इस बात से सहमत हूं कि इस मुद्दे पर राज्यपाल अपने स्वतंत्र विचार और राय रख सकते हैं। मैं उनका मत मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की भी सराहना करता हूं, लेकिन राज्यपाल के खत और उसकी भाषा को देखकर हैरान हूं।"

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राज्यपाल के पत्र में सेक्युलर शब्द को लेकर शरद पवार ने कहा, "आपने देखा होगा कि किस तरह से असंयमित भाषा इस्तेमाल की गई। दुर्भाग्यवश राज्यपाल का खत किसी राजनीतिक दल के नेता का लग रहा है। मैं इस बात में यकीन रखता हूं कि लोकतंत्र में गवर्नर और सीएम में स्वतंत्र विचारों का आदान-प्रदान जरूरी है। लेकिन इस पत्र की भाषा संवैधानिक पदों की गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए।"

पवार ने लिखा कि अब तक उन्होंने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से इस संबंध में बात नहीं की है। हालांकि उन्होंने लिखा कि वह चाहते हैं कि राज्यपाल की ओर से संवैधानिक पदों के क्षरण किए जाने संबंधी अपना दुख पीएम मोदी और जनता से साझा करें।