scriptAttack on JP Nadda: दो साल में 8 हमले और 6 की मौत, बंगाल में नया नहीं है BJP-TMC नेताओं पर हमला | Nine time political attack in last 2 year at West Bengal between BJP TMC including JP Nadda | Patrika News

Attack on JP Nadda: दो साल में 8 हमले और 6 की मौत, बंगाल में नया नहीं है BJP-TMC नेताओं पर हमला

Published: Dec 11, 2020 08:55:47 am

Attack on JP Nadda पश्चिम बंगाल में पहली बार नहीं ये हमला
पिछले दो वर्षों में बीजेपी-टीएमसी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर 8 से ज्यादा बार हो चुके हैं जानलेवा हमले
हमलों में 6 लोग गंवा चुके अपनी जान

Political attack in West bengal

बंगाल में पिछले दो वर्षों में हुए 8 से ज्यादा बार हमले

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी घमासान हिंसक हो चला है। गुरुवार को बीजेपी ( BJP ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफीले पर हमले के बाद प्रदेश के साथ-साथ देशभर की सियासत में हलचल तेज हो गई है। बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ( JP Nadda ) ने हमले का आरोप टीएमसी ( TMC ) पर लगाया है।
यही नहीं उन्होंने हमले के बाद अपने भाषण में ममता सरकार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ममता सरकार बांग्लादेश के लोगों को प्रदेश में बसा रही है, जबकि स्थानीय लोगों को प्रदेश से भगा रही है।
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वहीं टीएमसी और ममता बनर्जी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सियासी रंग करार दिया है। उन्होंने इन आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी पर सत्ता हासिल करने के लिए फेक हमले करवाने की बात तक कह डाली है।
आपको बता दें कि बीजेपी और टीएमसी के बीच ये लड़ाई नई नहीं है, पिछले दो वर्षों में दोनों दलों के बीच जमकर हिंसक घटनाएं हुई हैं। लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक दोनों दलों के बीच 8 बार से ज्यादा हिंसक रंजीश हुई है। आईए डालते हैं एक नजर
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पश्चिम बंगाल में सत्ता की चाबी किसे मिलेगी इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा, लेकिन सत्ता के लिए हिंसक बवाल ने बंगाल को सुर्खियों में ला दिया है। बीजेपी अध्यक्ष के काफीले पर हमला सही या गलत इसका फैसला भी जांच में हो जाएगा, लेकिन इस हमले एक बार फिर पिछले दो वर्षों से प्रदेश में बीजेपी और टीएमसी के बीच हो रही हिंसक रंजीशों को हवा दे दी है।
इससे पहले भी कई बार सियासी रंजिश में हमले हो चुके हैं। नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या भी की गई। बीते दो वर्षों में की बड़ी घटनाओं पर नजर डालें तो 8 हमले हुए हैं और इनमें 6 नेताओं और कार्यकर्ताओं की जान चली गई है। जबकि कई घायल हुए हैं।
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लोकसभा से पहले शुरू हुई हिंसक रंजिश
वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले ही दोनों दलों के बीच हिंसक बवाल शुरू हो गया था। शुरुआत फरवरी 2019 में हुई। जब तृणमूल कांग्रेस के विधायक सत्यजीत बिस्वास की नदिया जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोप बीजेपी नेताओं पर लगा।
वहीं लोकसभा में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी बीजेपी और टीएमसी के बीच सियासी रंजिश नहीं रुकी। जून 2019 में टीएमसी नेता निर्मल कुंडू की उत्तर 24 परगना जिले के निम्टा में हत्या कर दी गई।
दो महीने बाद ही बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह पर भी हमला हुआ सितंबर 2019 में उन पर उग्र भीड़ ने हमला कर दिया, जिसे बाद में टीएमसी से प्रायोजित बताया गया।

वर्ष 2020 के जुलाई में उत्तर दिनाजपुर में बीजेपी विधायक देवेंद्रनाथ रॉय का शव बरामद हुआ, इसका आरोप भी टीएमसी पर ही लगा।
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राष्ट्रपति शासन की मांग
पश्चिम बंगाल में बीजपी अध्यक्ष के काफीले पर हुए हमले के बाद देशभर में सियासी हलचल बढ़ी है। अब बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। मोदी ने कहा, ममता सरकार केंद्र के सब्र का इम्तिहान लेना बंद करे। वहीं केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भी इस हमले की निंदा की और ममता सरकार से जवाब मांगा है।
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