
अब बुजुर्गों को मिलेंगे प्रशिक्षित, पेशेवर और परखे सहायक
धीरज कुमार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुजुर्गों की विशेष जरूरतों का ध्यान रखते हुए उनको प्रशिक्षित, पेशेवर और परखे हुए सहायकों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने की योजना बनाई है। इनके प्रशिक्षण से ले कर नियुक्ति तक की बेहतर व्यवस्था के लिए बुजुर्ग देखभाल संबंधी नई राष्ट्रीय नीति बनाई जा रही है। साथ ही उनकी दूसरी सुविधाओं और मदद का ध्यान रखते हुए मौजूदा सीनियर सिटीजन कानून में संशोधन भी किया जा रहा है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि बुजुर्गों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके सहायकों की व्यवस्था को संगठित स्वरूप देने की तैयारी की गई है। इसके लिए पाठ्यक्रम, जरूरी योग्यता, जांच आदि सुनिश्चित व्यवस्था नई नीति के मसौदे में विस्तार से तय की गई है।
केंद्रीय संंस्थान देगा प्रशिक्षण
इसके तहत राज्य सरकार ऐसे सहायकों की सेवा देने वाली एजेंसियों के पैनल का चुनाव करेगी। एजेंसियों का पैनल सहायकों की नियुक्ति करेगा जबकि ट्रेनिंग का काम राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान (एनआईएसडी) करेगा। एनआईएसडी बुजुर्गों की देखभाल करने को लेकर अभी सीमित स्तर पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चला रहा है। मंत्रालय ने दूसरे विभागों और राज्य सरकारों से इस संबंध में राय मांगी है।
बुजुर्गों की सेहत के लिए अलग हेल्पलाइन
बुजुर्गों की देख-भाल की नई नीति के तहत सरकार इनकी सेहत और वित्तीय सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देने का प्रस्ताव कर रही है। बुजुर्गों की सेहत का ध्यान रखने के लिए अलग से एक हेल्पलाइन होगी। इसी तरह ओल्ड एज होम की संख्या बढ़ाने, इन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने और घर के लिए कर्ज दिलाने में मदद जैसी सुविधाओं पर भी विचार किया जा रहा है। मंत्रालय के अधिकारियों की माने तो संसद के अगले बजट सत्र तक इस संबंध में पहल की जा सकती है। सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने पिछले दिनों कहा था कि बुजुर्गों को ले कर हो रही उपेक्षा से निपटने के लिए सरकार बड़े स्तर पर तैयारी कर रही है।
Published on:
05 Oct 2019 12:53 pm
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