
मणिपुर BJP सरकार से NPF ने वापस लिया समर्थन, सरकार की सेहत पर असर नहीं
नई दिल्ली।लोकसभा चुनाव खत्म होने से पहले ही पूर्वोत्तर में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। मणिपुर सरकार में शामिल नागा पीपुल्स फ्रंट ( NPF ) ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है। हालांकि इससे सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। एन बिरेन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री हैं।
अब हम बीजेपी सरकार में नहीं: किकोन
एनपीएफ के प्रवक्ता अचुमबेमो किकोन ने देर शाम समर्थन वापसी की जानकारी दी है। किकोन ने बताया कि कोहिमा स्थित पार्टी मुख्यालय पर समर्थन को लेकर कई घंटे बैठक हुई है। जिसके बाद हमने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है।
NPF ने कहा- हमें तुच्छ समझता जाता था
समर्थन वापसी के पीछे की वजह पर एनपीएफ कहा कहना है कि बीजेपी अपने सहयोगियों की इज्जत नहीं करती है, उन्हें सरकार में तुच्छ समझता जाता है। वहीं मणिपुर एनपीएफ के अध्यक्ष अवांगवोउ नेवई ने कहा कि बीजेपी सत्ता में साझीदार दलों के साथ सौतेला व्यवहार करती रही है।
क्या होगा समर्थन वापसी का असर
60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 31 विधायकों की जरुरत होती है। बीजेपी के अपने 29 विधायक हैं। अब एन बिरेन सिंह की अगुवाई वाली सरकार में एलजेपी के एक विधायक, एआईटीसी के एक और एक निर्दलीय विधायक शामिल है। कुल मिलाकर 32 विधायक हुए। यानि एनपीएफ के चार विधायकों के निकलने के बाद भी बिरेन सिंह के पास एक विधायक ज्यादा हैं, इसतरह सरकार की सहेत पर इसका कोई असर नहीं होता दिख रहा है।
Published on:
18 May 2019 11:02 pm
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