इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन को सख्त संदेश देते हुए कहा कि देश की संसद एलएसी पर खड़े हमारे सैनिकों के साथ है। मुझे भरोसा है कि संसद एक स्वर में यह संदेश देगी कि वह हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों के साथ पूरी एकजुटता से खड़ी है। पीएम ने कहा कि संसद में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी और उसका सार्थक परिणाम सामने आएगा।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अधिकांश दलों के नेताओं ने 30 मिनट तक के शून्यकाल और बिना प्रश्नकाल के सत्र संचालन पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने सदन के सभी सदस्यों से असाधारण स्थिति में चल रहे सत्र में सहयोग करने की अपील करता हूं।
प्रश्नकाल को समाप्त न करे सरकार वहीं संसद में विपक्ष ने भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव व वर्तमान हालातों के बारे में जानकारी मांगी है। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रश्नकाल स्वर्णिम समय है लेकिन आप कहते हैं कि परिस्थितियों के कारण इसे आयोजित नहीं किया जा सकता है। आप कार्यवाही का संचालन करते हैं लेकिन प्रश्नकाल को समाप्त कर देते हैं। आप लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रहे हैं।
देश को विश्वास में ले केंद्र कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि सरकार संसद के प्रति जवाबदेह है। उन्होंने हमें कब बताया गया कि भारत और चीन के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच वार्ता हुई है। सरकार को देश को विश्वास में लेने की जरूरत है। सेना के समर्थन की बात है तो यह बहस से परे है। हम अपनी सेना के साथ बहुत मजबूती से हैं।
मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले Ghulam Nabi Azad बोले – इस बार सांसदों में भी है डर का माहौल चर्चा से भागने का सवाल नहीं सदन में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह असाधारण परिस्थिति है। जब सभाएं एक दिन के लिए भी नहीं हो सकती हैं। हम करीब 800-850 सांसद यहां हैं। सरकार से सवाल पूछने के कई तरीके हैं। सरकार चर्चा से नहीं भाग रही है। हम सवालों के लिए तैयार हैं।
बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध, कोरोना वायरस महामारी से निपटने के तरीके और आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे छाए रहने की संभावना है। इसके साथ ही आज राज्यसभा के उपसभापति के लिए वोट भी डाले जाएंगे। उप सभापति पद के लिए जेडीयू के हरिवंश और आरजेडी के मनोज झा बतौर प्रत्याशी मैदान में हैं।