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Parliament Winter Session: राज्यसभा के बाद लोकसभा की कार्यवाही भी 1 दिसंबर तक के लिए हुई स्थगित

Parliament Winter Session संसद के शीतकालीन सत्र पहले दिन की कार्यवाही में एक तरफ तो तीनों कृषि कानून वापसी बिल बिना किसी चर्चा के दोनों सदनों से पास हो गए वहीं दूसरी ओर मानसून सत्र में अनुशासनहीनता मामले में 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। इन दोनों की कार्यवाही से विपक्ष नाराज दिखा। यही वजह है कि विपक्ष ने मंगलवार को दूसरे दिन की कार्यवाही से पहले अहम बैठक बुलाई।

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नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र ( Parliament Winter Session ) के पहले दिन संसद के दोनों सदनों से बिना बहस के तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले बिल को पास कराने और राज्यसभा में 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी दल नाराज हैं। यही वजह है कि कांग्रेस और 13 अन्य दल संसद के शीतकालीन सत्र का बहिष्कार करने पर विचार कर सकते हैं।

दरअसल विपक्षी एकजुटता में दरार दिखने के बाद कांग्रेस ( Congress ) की अगुवाई में विपक्ष ( Opposition Party Meeting )अब अलग रणनीति बनाने में जुटा है। इसको लेकर मंगलवार को कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों की बैठक होगी। इस बैठक में सरकार को घेरने को लेकर आगे की रणनीति तैयार होगी। हालांकि विपक्ष की इस बैठक में टीएमसी शामिल नहीं होगा।

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संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। 12 सांसदों के निलंबन पर दिनभर विरोध हुआ। राज्यसभा सभापति ने जहां निलंबन वापस लेने के लिए माफी मांगने को कहा, वहीं विपक्ष ने साफ इनकार कर दिया। जोरदार हंगामे के बदा राज्यसभा को बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

वहीं लोकसभा की कार्यवाही भी 1 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई। बताया जा रहा है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ विपक्षी नेताओं की बैठक के बाद गतिरोध खत्म हो गया है। इस बैठक में अधीर रंजन चौधरी, टी आर बालू, सौगत रॉय, कल्याण बनर्जी, सुप्रिया सुले, पीवी मिधुन रेड्डी, नमा नागेश्वर राव, अनुभव मोहंती, पिनाकी मिश्रा, जयदेव गल्ला और अन्य नेता मौजूद थे।

राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू 12 सांसदों के निलंबन को बहाल करने के लिए माफी पर अड़ें हैं, जबकि सांसद किसी भी कीमत पर माफी मांगने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि हंगामे के बीच राज्यसभा बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

बताया जा रहा है कि निलंबित विपक्षी सांसद राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को अपने निलंबन को निरस्त करने के लिए पत्र लिखेंगे। साथ ही निलंबित सांसद कल संसद में गांधी प्रतिमा के सामने धरना भी देंगे।

सदन की मर्यादा की रक्षा के लिए कार्रवाई सही
12 राज्यसभा सांसद के निलंबन पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, कुछ विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया, सीटी बजाई, हूटिंग की, एक सांसद ने एलईडी स्क्रीन को तोड़ने की कोशिश की, पिछले मानसून सत्र में कुछ सांसदों ने महिला मार्शल पर हमला किया। सदन की मर्यादा की रक्षा के लिए कार्रवाई की जरूरत थी।

अब तक नहीं मिला Omicron Variant का एक भी केस

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर देशभर में हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में सरकार ने बड़ी जानकारी दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बताया है कि भारत में अब तक कोरोनावायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।

माफी पर राहुल गांधी का ट्वीट
केरल से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 12 सांसदों के निलंबन को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने निलंबन वापसी के लिए सांसदों की ओर से माफी मांगे जाने की अटकलों पर विराम लगाया। उन्होंने लिखा- "किस बात की माफ़ी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं!"

विपक्ष ने किया किया वॉकआउट, गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन

राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्ष के 12 सांसदों का निलंबन वापस लेने की अपील को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभापति को कार्रवाई करने का अधिकार है और वह कार्रवाई कर सकता है।

उन्होंने कहा कि पिछले सत्र का अनुभव काफी कड़वा रहा। वहीं नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सांसदों पर की कई कार्रवाई का मुद्दा पिछले सत्र का है, तो इस पर अब निर्णय कैसे लिया जा सकता है।

इसके बाद विपक्ष ने सदन का वॉकआउट कर दिया। वहीं विपक्ष गांधी प्रतिमा पर 12 सांसदों के निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।

विपक्ष की आवाज दबा रही सरकार

शीतकालीन सत्र के दौरान 12 सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। कांग्रेस नेता व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों की बैठक शुरू होने से पहले बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ विपक्ष की आवाज दबाने का काम कर रही है।

खड़गे ने कहा कि सदन में माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। दरअसल, सदन की ओर से कहा गया था कि अगर सांसद सार्वजनिक तौर पर माफी मांग लेते हैं तो उनका निलंबन वापस लेने पर विचार किया जा सकता है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संसद में स्थगन प्रस्ताव नोटिस भेजा है। उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों का रिकॉर्ड बनाने और उन्हें मुआवजा देने पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव भेजा है।

वहीं सांसद मणिकम टैगोर ने एक स्थगन प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर बढ़ोतरी के साथ पेट्रोल-डीजल,एलपीजी कीमतों को 2013 के स्तर पर लाने को लेकर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव भेजा है।

संसद के शीतकालीन सत्र से 12 सांसदों के निलंबन के बाद विपक्षी दलों में खासी नाराजगी दिखी। राजनीतिक दलों का कहना है कि किसी भी सांसद का पक्ष जाने बगैर उन्हें निलंबित कर दिया गया। वहीं इस मामले को लेकर मंगलवार को सुबह 10 बजे बैठक बुलाई गई है। आशंका जताई जा रही है कि विपक्ष पूरे सत्र से दूरी बना सकता है।

कांग्रेस की अगुवाई में हो रही इस बैठक में 13 विपक्षी दल हिस्सा लेंगे। हालांकि बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं होगी।

पार्टी की ओर से अलग से बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगामी शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन ने बताया कि 12 निलंबित सांसदों में से दो सांसद टीएमसी के भी हैं, ऐसे में पार्टी की अगली रणनीति क्या होगी इस पर अलग बैठक में विचार होगा।

टीएमसी के इस कदम से ये आशंका जताई जा रही है कि तृणमूल विपक्षी खेमे का नेतृत्व करना चाहती है। यानी पहले से कमजोर विपक्ष अब और बिखरता नजर आ रहा है।

इन पार्टियों के सांसद निलंबित
मौजूदा शीतकालीन सत्र के लिए जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें कांग्रेस के 6, टीएमसी और शिवसेना के 2-2 और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और सीपीआई (एम) से एक-एक शामिल हैं।

पेश होंगे अहम बिल
मंगलवार को सदन में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ( Mansukh Mandaviya ) सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी बिल, 2020 ( Reproductive Technology Bill ) पेश कर सकते हैं।

संसद में पारित हो जाने एवं इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद केन्‍द्र सरकार इस अधिनियम पर अमल की तिथि को अधिसूचित करेगी। इसके बाद राष्‍ट्रीय बोर्ड का गठन किया जाएगा।

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इसके अलावा राज्यसभा में बांध सुरक्षा विधेयक भी पेश हो सकता है। इस बिल को जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पेश कर सकते हैं। इस बिल के जरिए राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एकरूप बांध सुरक्षा प्रक्रियाओं को अपनाने में मदद मिलेगी, जिससे बांधों की सुरक्षा सुनिश्‍चित होगी और इन बांधों से होने वाले लाभ सुरक्षित रहेंगे।