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विपक्षी दलों की बैठक में नहीं होगी पीएम उम्मीदवार पर चर्चा! आपसी तालमेल का हल खोजेंगी पार्टियां

Opposition Parties Meeting in Patna 23 June आज से ठीक एक दिन बाद बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को करीब 15 से अधिक विपक्षी दलों के नेता बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में पीएम उम्मीदवार पर चर्चा नहीं होगी! भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। प्रदेश स्तरीय सियासत के बीच तालमेल का हल ढूंढने का प्रयास किया जाएगा।

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Kharge, Nitish Kumar, Rahul Gandhi

पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक का सबको बेसब्री से इंतजार है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बैठक के अगुवा हैं। भाजपा के खिलाफ इस बैठक में 15 से अधिक विपक्षी दलों के नेताओं हिस्सा लेंगे। इस बैठक में शामिल होने वाले कई दलों के नेता का दूसरे दलों के नेता से विरोध है। ऐसी चर्चा है कि पटना बैठक में भाजपा को सत्ता मुक्त करने के लिए मंथन किया जाएगा और रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में प्रदेश स्तरीय सियासत के बीच तालमेल व विरोध का हल ढूंढने के भी प्रयास किया जाएगा। पर बताया जा रहा है कि अभी प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर चर्चा नहीं की जाएगी। अभी मुख्य मुद्दा है सबसे पहले सबको एक प्लेटफार्म पर लाना है।

सूत्रों का कहना है कि बैठक के एजेंडे में किसी भी मुद्दे को लेकर फूंक.फूंक कर कदम आगे बढ़ाया जा रहा है। जिससे किसी भी प्रकार के विवाद की गुंजाइश नहीं हो। सही अर्थों में इस बैठक का मुख्य एजेंडा सभी विपक्षी दलों में तालमेल बैठाने की कोशिश है।



साझा न्यूनतम कार्यक्रम की प्रारंभिक रूपरेखा करेंगे तैयार

सूत्र कहते हैं कि बैठक में शामिल होने वाले लगभग सभी दलों की किसी न किसी पार्टी से कटुता सामने आती रही है। ऐसे में इस बैठक की एकजुटता को लेकर प्रश्न भी उठाए जा रहे हैं। इस बैठक में विपक्षी पार्टियों के नेता साझा न्यूनतम कार्यक्रम की प्रारंभिक रूपरेखा तय करने का प्रयास करेंगे। सभी पार्टियां पहले ही संयुक्त रूप से उतरने के संकेत दे चुकी हैं। ऐसे में तय है कि बैठक में नेतृत्व को लेकर चर्चा नहीं होगी।

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विरोधी संबंधों के बीच एकता का खोजेंगे फॉर्मूला

माना यह भी जा रहा है कि बैठक में ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में वाम दलों की कांग्रेस से निकटता पर सवाल खड़े करेंगी। तो, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब में कांग्रेस के साथ परस्पर विरोधी संबंधों के बीच एकता का फॉर्मूला जानना चाहेंगे। ऐसे में सभी दल गहन विचार कर फॉर्मूला भी खोजने की कोशिश करेंगे।

एक के बदले एक फॉर्मूला पर भी विचार

इसके अलावा बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2024 के लिए एक के बदले एक के फॉर्मूला पर भी विचार करने की संभावना है। इस फॉर्मूले के तहत हर सीट पर भाजपा के मुकाबले विपक्ष का एक ही उम्मीदवार उतारे जाने का सुझाव है। इसके अलावा महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक कुप्रबंधन, नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी से हुए नुकसान जैसे मुद्दों पर विपक्षी खेमे में कोई विरोधाभास नहीं है।

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मुद्दों को और धारदार बनाने पर होगी चर्चा!

देश में बढ़ते नफरत के माहौल सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग, लोकतंत्र को कमजोर करने के हो रहे प्रयासों को लेकर पहले भी विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरते रही है। ऐसे में यह तय है कि इन सभी मुद्दों को और धारदार बनाने को लेकर भी चर्चा हो सकती है।

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