
PDP Chief and Ex J&K CM Mehbooba Mufti released after over a year detention
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती को मंगलवार रात को रिहा कर दिया गया। मुफ्ती घाटी से अनुच्छेद 370 निरस्त होने और सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत आरोप लगाए जाने के केंद्र के फैसले के चलते एक साल से ज्यादा वक्त तक हिरासत में थीं। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने मंगलवार देर रात किए अपने ट्वीट में लिखा, "पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को नजरबंदी से रिहा किया जा रहा है।" पीडीपी प्रमुख की रिहाई की खबर की पुष्टि उनके ट्विटर हैंडल पर की गई, जिसे उनकी बेटी इल्तिजा संभाल रही हैं।
मुफ्ती की बेटी ने लिखा, "जैसा कि मुफ्ती की अवैध हिरासत आखिरकार समाप्त हो गई, मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने इन कठिन समय में मेरा साथ दिया। मैं आप सभी का आभार मानती हूं। इल्तिजा विदा लेती है। अल्लाह आपकी खैरियत रखे।"
जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने जुलाई में महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी तीन महीने बढ़ा दी थी। मुफ्ती की यह रिहाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा जम्मू-कश्मीर प्रशासन यह पूछने के दो हफ्ते बाद हुई है, कि क्या पीएसए के तहत पूर्व मुख्यमंत्री की नजरबंदी को एक साल और बढ़ाया जा सकता है। यदि हां, तो आप इसे कब तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखते हैं। पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख गुरुवार को तय की थी।
वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मुफ्ती की रिहाई का स्वागत किया। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, "मुझे यह सुनकर अच्छा लगा कि महबूबा मुफ्ती साहिबा को एक साल से अधिक हिरासत में रखने के बाद रिहा कर दिया गया है। उसकी लगातार हिरासत एक देशद्रोह होने के साथ ही लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ था। महबूबा का स्वागत करते हैं।"
गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला, अपने पिता फारूक अब्दुल्ला के साथ उन सैकड़ों राजनेताओं में शामिल थे, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को भंग करने के लिए संसद में पहुंचने से कुछ घंटे पहले हिरासत में लिया गया था। अनुच्छेद 370 को खत्म करने से जम्मू एवं कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया और पिछले वर्ष अगस्त में कश्मीर घाटी में प्रतिबंध लगा दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला को बीते 25 मार्च को रिहा किया गया था जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को 13 मार्च को रिहा किया गया था।
मुफ्ती को पहले दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 107 और 151 के तहत हिरासत में लिया गया था और बाद में सार्वजनिक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में रखा गया था। उन्हें चेश्मा शाही गेस्ट हाउस में रखा गया था और फिर श्रीनगर के एमए लिंक रोड में एक अन्य सरकारी गेस्ट हाउस में स्थानांतरित कर दिया गया। पीडीपी अध्यक्ष को फिर उनके आवास पर ले जाया गया जहां वह नजरबंद रहीं।
इल्तिजा ने अपनी मां की नज़रबंदी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बीते 29 सितंबर को इस मामले की आखिरी सुनवाई हुई थी।
Updated on:
14 Oct 2020 09:59 am
Published on:
13 Oct 2020 11:26 pm
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