काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, एक महीने पहले दक्षिण भारत के एक श्रद्धालु ने काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन किया था। इसके बाद श्रद्धालु ने काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास से गर्भगृह के लिए सोना दान करने की इच्छा जताई थी। मंदिर प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद श्रद्धालु ने दिल्ली की एक संस्था के माध्यम से कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली से सोने की प्लेटों को ट्रक से काशी विश्वनाथ मंदिर भेजा। बताया जाता है कि श्रद्धालु ने प्रधानमंत्री की मां हीराबेन के वजन के बराबर का सोना मंदिर प्रशासन को दान किया है। शुक्रवार से रविवार के बीच करीब 30 घंटे में 10 कारीगरों ने गर्भगृह में 37 किलो सोना लगाने में सफल रहे।
अब चांदी की चौखट भी बदलेगी और यहां सोना लगेगा। स्वर्ण शिखर के नीचे के हिस्सों में भी सोना लगेगा। इस प्रकार महाशिवरात्रि के बाद करीब 24 किलो और सोना लगेगा। गर्भगृह के स्वर्णमंडित होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी रविवार को बाबा विश्वनाथ का अभिषेक के लिए पहुंचे थे। बता दें कि इससे पहले वर्ष 1835 में पंजाब के तत्कालीन महाराज रणजीत सिंह ने बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर के दो शिखरों को स्वर्णमंडित किया था। इस प्रकार करीब 187 साल बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में सोना चढ़ा है।