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PM Narendra Modi भी थे Amar Singh की दोस्ती के मुरीद, ट्वीट कर लिखी यह बात

अमर सिंह ( Amar Singh, former leader of Samajwadi Party ) का निधन हो गया शनिवार को अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, जिसके चलते उनका निधन हो गया

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नई दिल्ली। देश के मशहूर राजनीतिज्ञ और समाजवादी पार्ट के पूर्व नेता अमर सिंह ( Amar Singh, former leader of Samajwadi Party ) का शनिवार को निधन हो गया हैं। 64 वर्षीय अमर सिंह ( Amar Singh Death ) किड़नी रोग से पीड़ित थे, उनका इलाज सिंगापुर ( Singapore ) के एक हॉस्पिटल में चल रहा था। शनिवार को अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, जिसके चलते उनका निधन हो गया। अमर सिंह के निधन की खबर ( Amar Singh Death News ) पर राजनीति, व्यवसाय जगत और बॉलीवुड समेत तमाम जानी मानी हस्तियों ने दुख जताया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने भी अमर सिंह के निधन पर दुख प्रकट किया है।

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'ऊर्जावान नेता पूरी जिंदगी अपनी दोस्ती के लिए जाने जाते रहे'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर पूर्व सपा नेता अमर सिंह के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ऊर्जावान नेता पूरी जिंदगी अपनी दोस्ती के लिए जाने जाते रहे। पीएम मोदी ने ट्वीट में आगे लिखा कि अमर सिंह एक ऊर्जावान नेता थे। पिछले कुछ सालों से, अमर सिंह काफी करीब से कुछ बड़े राजनीतिक घटनाक्रमों के गवाह रहे थे। वह जीवन के कई क्षेत्रों में अपनी दोस्ती के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से दुखी। उनके दोस्तों और परिवार के प्रति संवेदना। शांति।"

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भारतीय जनता पार्टी के नजदीक आ गए थे अमर

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद अमर सिंह भारतीय जनता पार्टी के नजदीक आ गए थे। एक बारगी तो उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें भी लगने लगी थी। इस दौरान उनको कई मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए देखा गया है। जबकि अपने पूरी राजनीतिक काल में अमर सिंह भाजपा के कट्टर विरोधी रहे। यही वजह है कि जब अमर सिंह भाजपा के करीब आए तो उनके समर्थकों तक को इस बात का यकीन नहीं हुआ।

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यह 2002 की बात है जब भाजपा समर्थित उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मायावती सरकार ने कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ पोटा कानून के तहत कार्रवाई कराई थी। यही नहीं राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह और भाई अक्षय प्रताप सिंह भी इस बीच कानूनी घेरे में आ गए थे, तब अमर सिंह ने ही मोर्चा संभाला और भाजपा का समर्थक माने जाने वाले ठाकुर समाज भाजपा से छिटक कर सपा की ओर आने लगा।