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गुजरात के ‘बापू’ के राजनीतिक सफर पर एक नजर

आइए आपको बताते हैं कि कैसा रहा है वाघेला का राजनीतिक करियर और क्यों गुजरात कांग्रेस में उनकी अहम भूमिका थी।

Jul 21, 2017 / 03:34 pm

ashutosh tiwari

Shankar Singh Vaghela

Shankar Singh Vaghela

नई दिल्ली। गुजरात कांग्रेस के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला इन दिनों पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहे हैं। उनकी नाराजगी इतनी बढ़ गई है, उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है। वाघेला के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में खासा नुकसान हो सकता है। आइए आपको बताते हैं कि कैसा रहा है वाघेला का राजनीतिक करियर और क्यों गुजरात कांग्रेस में उनकी अहम भूमिका थी।
बापू के नाम से मशहूर हैं वाघेला
गुजरात के दिग्गत नेताओं में शंकर सिंह वाघेला की गिनती होती है। अपने चाहने वालों के बीच वाघेला बापू नाम से मशहूर हैं। अपनी छवि के चलते वे चाहते हैं कि आने वाले विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करें लेकिन पार्टी हाईकमान ऐसा करने से मना कर दिया।


वाघेला को माना जाता है मोदी का राजनीतिक गुरु
शंकर सिंह वाघेला बीजेपी में कई बड़े पदों पर रह चुके हैं। जब वे बीजेपी में थे उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक गुरु माना जाता था। साल 1995 में जब बीजेपी ने गुजरात विधानसभा में जीत हासिल की तो वाघेला को उम्मीद थी कि वे मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिससे नाराज वाघेला ने 1996 में बीजेपी तोड़कर राष्ट्रीय जनता पार्टी का गठन कर लिया।

कांग्रेस का हाथ थाम बने थे मुख्यमंत्री
वाघेला ने 1996 में कांग्रेस के समर्थन से गुजरात में सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने। जिसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का कांग्रेस में विलय कर लिया। मौजूदा समय में वाघेला गुजरात में विपक्ष के नेता हैं। वाघेला तीन बार सांसद भी रह चुके हैं।

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