
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भतीजे की वजह से मुश्किल में घिरे चाचा का मजबूत सहारा फिलहाल राजनीतिक परिदृश्य से गायब है। अजीत पवार की अगुवाई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक फिर से शरद पवार के समर्थन में नहीं आते दिख रहे हैं। शरद पवार के करीबी सहयोगी प्रफुल्ल पटेल ऐसे में कुछ मददगार साबित हो सकते थे, लेकिन फिलहाल वो सक्रिय नजर नहीं आ रहे।
पिछले दो दिनों से प्रफुल्ल पटेल ट्विटर पर सक्रिय नहीं हैं। उन्होंने शुक्रवार को फुटबॉल को लेकर ट्वीट किया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने अजीत पवार के पार्टी से विद्रोह पर कुछ नहीं कहा।
अजीत पवार को मनाने की तीन कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं। इसमें दो शनिवार को की गईं, जिसमें दिलीप वलसे पाटिल और हसन मुशरीफ ने उनसे मुलाकात की थी और एक कोशिश रविवार को की गई। रविवार को शरद पवार ने जयंत पाटिल को उनके पास भेजा था।
ऐसी बातचीत के लिए शरद पवार पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। प्रफुल्ल पटेल एयर इंडिया घोटाले में जांच का सामना कर रहे हैं।
राकांपा के एक सूत्र ने कहा है कि घोटाले में जांच से बचने के लिए वह शांत हैं। जबकि एक अन्य व्यक्ति ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा कि जब शरद पवार खुद सारा मामला संभाल रहे हैं तो किसी और की क्या जरूरत है।
वहीं, पार्टी के कुछ लोगों का कहना है कि प्रफुल्ल पटेल को अजीत पवार के विद्रोह की भनक लगी थी लेकिन उन्होंने पार्टी को समय पर सूचित नहीं किया। राकांपा नेता उन्हें लेकर चौकन्ने हैं।
Updated on:
24 Nov 2019 07:45 pm
Published on:
24 Nov 2019 07:29 pm
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