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पंजाब : सिद्धू के आगे चित हुए सीएम चन्नी, एडवोकेट जनरल एपीएस देओल का इस्तीफा मंजूर

लंबे समय से पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद के केंद्र में रहे एडवोकेट जनरल एपीएस देओल का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। पंजाब के डीजीपी इकबाल सिंह सहोता को भी हटाया जाएगा।

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Siddharth Priyadarshi

Nov 09, 2021

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चंडीगढ़: आखिरकार लंबी लड़ाई के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab CM Charanjit Singh Channi) ने राज्य कांग्रेस इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के आगे हथियार डाल दिया है। उन्होंने राज्य के एडवाकेट जनरल एपीएस देओल (Advocate General APS Deol) का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। इसके इस विवाद सुलझाने के फॉर्मूले पर मुहर लग गई है। इस घटना को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच एक समझौते की तरह देखा जा रहा है। इसके साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य अध्यक्ष के रूप में अपना काम फिर से शुरू करने के लिए नए एडवोकेट जनरल की नियुक्ति की जो शर्त रखी थी,वह भी मान ली गई है।

बता दें कि सिद्धू ने 28 सितंबर को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। दो दिन पहले उन्होंने इस्तीफा तो वापस ले लिया, लेकिन यह शर्त रखी थी कि जब तक देओल को एजी के रूप में नहीं हटाया जाता है और नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के लिए एक पैनल का गठन नहीं किया जाता है, तब तक वह पदभार ग्रहण नहीं करेंगे।

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पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि एडवोकेट जनरल देओल का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है और कल पंजाब को नया एडवोकेट जनरल मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब के डीजीपी को भी हटाया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम चन्नी ने कहा कि राज्य के 36 हजार संविदाकर्मियों को परमानेंट किए जाने की भी घोषणा की।

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नवजोत सिद्धू तब से देओल की नियुक्ति पर सवाल उठा रहे हैं, जब से उन्हें पंजाब के महाधिवक्ता का प्रभार दिया गया था। देओल 2015 में कोटकपुरा लिस फायरिंग की घटना में पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी के वकील थे। पिछले हफ्ते ही देओल ने सिद्धू पर राज्य सरकार और उनके कार्यालय के कामकाज में बाधा डालने के साथ-साथ 'राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए गलत सूचना फैलाने' का आरोप लगाया था। देओल ने कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू सरकार और महाधिवक्ता के कार्यालय के कामकाज में बाधा डाल रहे हैं। वह अपने राजनीतिक सहयोगियों पर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए गलत सूचना फैला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि पंजाब के महाधिवक्ता के संवैधानिक कार्यालय का राजनीतिकरण कर स्वार्थी राजनीतिक लाभ के लिए पंजाब में आने वाले चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी के कामकाज को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है।