
नई दिल्ली। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर अब कांग्रेस ने आधिकारिकर रुप से मुहर लगा दी है। कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति ने इस बात का ऐलान किया है कि अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ राहुल गांधी ने ही नामांकन भरा है। इस आधार राहुल गांधी ही कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे। राहुल के पक्ष में 89 लोगों ने नांमाकन पत्र दाखिल किया है।
89 लोगों ने नांमाकन पत्र दाखिल किया
कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति के रिटर्निंग ऑफिसर ने पत्र जारी कर कहा कि राहुल गांधी के पक्ष में कुल 89 दाखिल नामांकन पत्र प्राप्त किए गए हैं। यह नामांकन सभी राज्यों से किया गया है। सभी 89 नामांकन पत्र वैध है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी ही एकमात्र प्रत्याशी हैं।
सोमवार को दाखिल किया नामांकन
बता दें कि सोमवार की सुबह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। राहुल ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं कमलनाथ, मोतीलाल वोरा, शीला दीक्षित, अहमद पटेल और अशोक गहलोत की मौजूदगी में नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किए। राहुल के पक्ष में कुल 89 लोगों ने नांमाकन पत्र दाखिल किया है।
प्रणब दा ने लगाया जीत का तिलक
नामांकन दाखिल करने के बाद राहुल गांधी ने पूर्व रा।ष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से व्यक्तिगत मुलाकात की थी। प्रणब मुखर्जी ने राहुल गांधी को तिलक लगाकर आशीर्वाद भी दिया था। राहुल का चुनाव मात्र औपचारिकता ही थी, क्योंकि पार्टी के शीर्ष पद के लिए कोई अन्य उम्मीदवार मैदान में नहीं है और उनके पक्ष में 89 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था।
सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहीं सोनिया
राहुल 1998 में पार्टी की अध्यक्ष बनीं अपनी मां सोनिया गांधी का स्थान लेंगे जिन्होंने सबसे लंबे समय तक कांग्रेस प्रमुख का पद संभाला है। कांग्रेस के सैकड़ों समर्थक पार्टी के शीर्ष पद के नामांकन दाखिल होने से पहले पार्टी कार्यालय में एकत्र हुए। राहुल गांधी जनवरी 2013 में कांग्रेस के उपाध्यक्ष बने थे।
13 साल से सक्रिय राजनीति में राहुल
राहुल गांधी ने राजनीति में 2004 में प्रवेश किया था। उस वक्त वे अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। बाद में राहुल गांधी को 2007 में कांग्रेस में संगठन महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान कांग्रेस 10 साल तक सत्ता में रही, लेकिन राहुल कभी भी मनमोहन सिंह की कैबिनेट में शामिल नहीं रहे और वे पार्टी के मोर्चे से ही राजनीति करते रहे।
Published on:
05 Dec 2017 05:07 pm
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