‘ मैं लाइन में सबसे शक्तिशाली के आगे झुक जाता हूं। एक व्यक्ति की ताकत और सत्ता ही मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
मैं सत्ता की ऊंच-नीच को बनाए रखने के लिए घृणा और भय का उपयोग करता हूं। मैं कमजोर लोगों की तलाश करता हूं और उन्हें कुचल देता हूं।
मैं सभी जीवित प्राणियों को अपने लिए उनकी उपयोगिता के आधार पर स्थान देता हूं।
मैं कौन हूं ?
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झारखंड में स्वामी अग्निवेश पर हमला
मंगलवार को झारखंड के पाकुड़ जिले में सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर कथित रूप से भारतीय जनता युवा मोर्चा के समर्थकों ने जय श्री राम के नारे लगाते हुए हमला कर दिया और उनके साथ मारपीट की। घायल अग्निवेश को अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने 20 हमलावरों को हिरासत में लिया है।
स्वामी ने भेजा था बातचीत का प्रस्ताव
खुद पर हुए हमले के बाद स्वामी अग्निवेश बेहद परेशान नजर आ रहे थे। उन्होंने मीडिया से कहा. ‘मैं हर प्रकार की हिंसा के खिलाफ हूं। मेरी पहचान शांतिप्रिय व्यक्ति के रूप में है। मुझे नहीं पता कि मुझ पर हमला क्यों हुआ। उन लोगों ने घूंसा मारा, लातें मारीं और मुझे जमीन पर घसीटा। गालियां दीं। मैंने उन्हें बातचीत का प्रस्ताव भेजा था लेकिन मुझसे बात करने कोई नहीं आया। मैं अपने जनजातीय मित्रों के साथ सम्मेलन में जा रहा था, जब उन्होंने मुझ पर बिना किसी चेतावनी के हमला कर दिया।
हमले के वक्त नहीं थी पुलिस: अग्निवेश
जिस समय अग्निवेश पर हमला हुआ, उन्हें तीर-कमानधारी आदिवासियों ने घेरे में लिया हुआ था। अग्निवेश यह पूछते रहे कि वे क्या चाहते हैं, इसके बावजूद हमलावरों ने उन पर हमला बोला। अग्निवेश जमीन पर गिर गए लेकिन हमलावार उन्हें पीटते रहे। उनके साथियों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की। अग्निवेश ने कहा कि हमले के वक्त आसपास कोई पुलिसकर्मी नहीं था।