scriptमुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में उमड़ी भीड़ पर बोले राहुल गांधी, ‘डटा है भारत का भाग्य विधाता’ | Rahul Gandhi tweeted in support of Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat | Patrika News

मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में उमड़ी भीड़ पर बोले राहुल गांधी, ‘डटा है भारत का भाग्य विधाता’

locationनई दिल्लीPublished: Sep 06, 2021 01:31:01 pm

Submitted by:

Nitin Singh

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत (kisan mahapanchayat) का समर्थन किया है। किसान महापंचायत की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि भारत का भाग्य विधाता निडरता से डटा हुआ है।

राहुल गांधी ने किया किसान महापंचायत का समर्थन

राहुल गांधी ने किया किसान महापंचायत का समर्थन

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत (kisan mahapanchayat) का समर्थन किया है। किसान महापंचायत की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि भारत का भाग्य विधाता निडरता से डटा हुआ है। बता दें कि राहुल गांधी (rahul gandhi) शुरूआत से ही केंद्र को तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर हमलावर हैं। कई मौकों पर तो राहुल, केंद्र को किसान विरोधी सरकार बता चुके हैं।
सुरजेवाला बोले देश की सच्चाई यही

राहुल गांधी (congress leader rahul gandhi) के साथ पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी किसान महापंचायत (kisan mahapanchayat) का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने किसानों का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यही है देश कि सच्चाई। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि देश बेचने वाले शासकों को यह सच्चाई नहीं दिख रही है।
27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जीआईसी मैदान में कल किसान महापंचायत (kisan mahapanchayat) का आयोजन हुआ था। इस दौरान देशभर से हजारों किसानों का सैलाब महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए पहुंचा है। महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। राकेश टिकैत ने कहा कि हम शहीद हो जाएंगे, लेकिन मोर्चा डटा रहेगा हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा।
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गौरतलब है कि देशभर के किसान बीते कई महीनों से राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन (farmer protest) कर रहे हैं। हालांकि इस मुद्दे पर किसान और सरकार के बीच कई चरणों में बात भी हुई, लेकिन इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला। वहीं किसानों का कहना है कि वे प्रदर्शन तभी समाप्त करेंगे, जब सरकार तीनों काले कानूनों को वापस लेगी।
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