scriptRajya Sabha LIVE :  हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि सुधार विधेयक ध्वनिमत से पास, कार्यवाही स्थगित | Rajya Sabha LIVE : Aggressive bill on the Agri Bill, Modi government is confident of passing the bill | Patrika News

Rajya Sabha LIVE :  हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि सुधार विधेयक ध्वनिमत से पास, कार्यवाही स्थगित

locationनई दिल्लीPublished: Sep 20, 2020 05:24:00 pm

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Dhirendra

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि बिल किसानों के हित में है।
विपक्षी दलों ने बिल को सलेक्ट कमेटी में भेजने की जोरदार मांग की।
कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि यह बिल किसानों के हितों पर कुठाराघात है।

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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि बिल किसानों के हित में है।

नई दिल्ली। रविवार को राज्यसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच कृषि संबंधी सभी विधेयक पास हो गए हैं। इससे पहले लोकसभा में भी इन बिलों को मंजूरी मिल चुकी है। राज्यसभा में विधेयकों के लिए ध्वनि मत से वोटिंग करायी गई। एग्री बिल पास होने के बाद राज्यसभा ( Rajya Sabha ) की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।
हालांकि, विपक्ष ने इस तीनों विधेयकों को किसान विरोधी करार दिया है। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषि विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह बिल किसानों के हित में है।
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उन्होंने कहा कि इन बिलों से देशभर के किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि फसलों के लिए एमएसपी पहले की तरह जारी रहेगा।

दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने बिल को सलेक्ट कमेटी में भेजने की जोरदार मांग की है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि वर्तमान प्रारूप में कृषि से जुड़ी तीनों बिल किसानों के हित में नहीं है। इससे खेती-किसानी के कारोबार में बिचौलियों को बढ़ावा मिलेगा।
इसके जवाब में कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि किसान की भूमि के साथ कोई छेड़छाड़ न हो, इसका भी प्रावधान बिल में किया गया है। देश का किसान देश का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। देश के अन्नदाता को उसकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा।
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किसानों की आत्मा पर कुठाराधात

पंजाब से कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि पंजाब हरियाणा के किसान समझते हैं कि ये उनकी आत्मा पर कुठाराधात है। कांग्रेस इस बिल को पूरी तरह से खारिजर करती है। बाजवा ने कहा कि एग्री बिल देश के किसानों के लिए डेथ वारंट है। हम इस पर अपनी मुहर नहीं लगाएंगे।
उन्होंने कहा कि आखिल केंद्र सरकार को इस बिल को लाने की जरूरत क्या थी। किसानों की तीस प्रतिशत जमीनें कॉरपरेट हाउस ले चुके हैं। अब किसान सड़क पर है।

वहीं बीजेपी नेता व राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि देश का किसान 70 साल से न्याय की अपेक्षा कर रहा था। उसी के लिए ये बिल लाया गया है।
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केजरीवाल की गैर बीजेपी पार्टियों से अपील

दूसरी तरफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्विट कर बताया है कि आज पूरे देश के किसानों की नजर राज्यसभा पर टिकी हैं। राज्यसभा में बीजेपी अल्पमत में है। मेरी सभी गैर-बीजेपी पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन तीनों बिलों को सदन में गिरा दें। देश का किसान आज यही चाहता है।
खेती-किसानी को नहीं रखने देंगे गिरवी
टीआरएस नेता केशव राव ने सदन से पूछा कि इस बिल में ऐतिहासिक क्या है? जिस देश की संस्कृति कृषि प्रधान है उसे कॉरपोरेट हाउसों के हाथों में गिरवी मोदी सरकार को नहीं रखने देंगे।
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किसानों को गुलाम बनाने वाला बिल
डीएमके के टीकेएस एलंगोवन ने एग्री बिल पर पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि ये बिल किसानों का अपमान है। मोदी सरकार को इस बिल लाने का हक नहीं है। ये राज्य का विषय है। ये किसानों को गुलाम बनाने वाला बिल है।
कांग्रेस के विरोध को बताया हिप्पोक्रेसी
वाईएसआरसीपी के सांसद विजय साई रेड्डी ने कहा कि किसान दिन-रात खेत में काम करता है। फिर भी उसे फसल का सही दाम नहीं मिलता। इस मुद्दे पर हमारा स्टैंड यह है कि ये बिल किसानों के लिए सही है। आंध्र प्रदेश में एमएसपी फसलों की सही है। ये कांग्रेस पार्टी की हिप्पोक्रेसी है। कांग्रेस को इस बिल का विरोध करने का कोई हक नहीं है।
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