16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजनीति

रविशंकर प्रसाद: न्यायिक व्‍यवस्‍था को चलाने की जवाबदेही न्यायपालिका की होनी चाहिए

न्यायपालिका के संचालन का अधिकार न्यायपालिका के पास ही रहना चाहिए।

Google source verification

नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बात की पुरजोर वकालत की है कि देश की न्‍यायिक प्रणाली को चलाने की जवाबदेही न्‍यायपालिका की होनी चाहिए। इस मामले में सरकार हस्‍तक्षेप न करे तो बेहतर है। इससे लोगों में न्‍यायिक व्‍यवस्‍था के प्रति भरोसा बना रहेगा। सरकार पर अंगुली उठाने का मौका किसी को नहीं मिलेगा। इससे जजों को भी प्रणाली की अच्छाइयों और बुराइयों को जानने में मदद मिलेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि न्यायिक जवाबदेही में सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी।


उन्‍होंने कहा कि एक महान लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका बेहद अहम है। सरकार का काम सिर्फ न्यायपालिका को बुनियादी ढांचा मुहैया कराना है। लेकिन न्यायपालिका के संचालन का अधिकार न्यायपालिका के पास ही रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के हर क्षेत्र में जवाबदेही की जरूरत है, साथ ही न्यायपालिका में भी जवाबदेही की संभावना पर विचार करने की जरूरत है ताकि पता चल सके कि प्रणाली कैसे काम कर रही है, क्या उसमें तेजी लाने की जरूरत है और क्या हमें अतिरिक्त रास्ते तलाशने की जरूरत है। आपको बता दें कि यूपीए सरकार ने ज्यूडिशियल स्टैंडर्ड एंड अकाउंटेबिलिटी बिल लेकर आई थी, लेकिन 2014 में 15वीं लोकसभा के विघटन के साथ ही यह बिल भी रद्द हो गया था।