संघ के नागपुर मुख्यालय में होगा ईद मिलन समारोह
ईद मिलन समारोह के इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की तरफ से किया जाएगा। इस खबर के आने के बाद सियासी जानकारों का कहना है कि संघ की तरफ से ये फैसला 2019 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। जाहिर है कि संघ के इस स्टेप का फायदा भाजपा को 2019 के चुनाव में हो सकता है, क्योंकि आरएसएस भी मुस्लिमों को अपने पाले में करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।
ईद मिलन समारोह के इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की तरफ से किया जाएगा। इस खबर के आने के बाद सियासी जानकारों का कहना है कि संघ की तरफ से ये फैसला 2019 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। जाहिर है कि संघ के इस स्टेप का फायदा भाजपा को 2019 के चुनाव में हो सकता है, क्योंकि आरएसएस भी मुस्लिमों को अपने पाले में करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।
दो दिन पहले मुंबई में हुई थी इफ्तार पार्टी
आपको बता दें कि मुस्लिम समुदाय तक अपनी पहुंच बनाने के लिए साल 2015 में आरएसएस की तरफ से ऐसे आयोजनों की शुरुआत हुई थी, जिसकी जिम्मेदारी संघ के प्रचारक इंद्रेश कुमार ने ली है। उन्होंने कल मुंबई में इफ्तार पार्टी का भी आयोजन किया था, जिसपर विवाद भी उभर के सामने आए हैं।
आपको बता दें कि मुस्लिम समुदाय तक अपनी पहुंच बनाने के लिए साल 2015 में आरएसएस की तरफ से ऐसे आयोजनों की शुरुआत हुई थी, जिसकी जिम्मेदारी संघ के प्रचारक इंद्रेश कुमार ने ली है। उन्होंने कल मुंबई में इफ्तार पार्टी का भी आयोजन किया था, जिसपर विवाद भी उभर के सामने आए हैं।
विपक्षियों ने किया विरोध
आरएसएस के ईद मिलन समारोह को लेकर सियासी बयान भी सामने आने शुरू हो गए हैं। समाजवादी पार्टी नेता अबू आसिम आजमी ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए ईंटें भेजने वाले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की इफ्तार पार्टी एक ढोंग के सिवा कुछ नहीं। इस तरह के आयोजन की निंदा और बहिष्कार किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश का मुसलमान आरएसएस के हिंदुत्वादी एजेंडे की वजह से काफी नाराज रहा है।
आरएसएस के ईद मिलन समारोह को लेकर सियासी बयान भी सामने आने शुरू हो गए हैं। समाजवादी पार्टी नेता अबू आसिम आजमी ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए ईंटें भेजने वाले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की इफ्तार पार्टी एक ढोंग के सिवा कुछ नहीं। इस तरह के आयोजन की निंदा और बहिष्कार किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश का मुसलमान आरएसएस के हिंदुत्वादी एजेंडे की वजह से काफी नाराज रहा है।