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AAP से इस्तीफा दिया, राजनीति भी छोड़ी, लेकिन केजरीवाल पर सवाल से भड़क गए अवध ओझा, नेहरू से कर डाली तुलना

Awadh Ojha: मशहूर कोचिंग टीचर अवध ओझा अपने बयान को लेकर फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने अरविंद केजरीवाल की तुलना जवाहर लाल नेहरू से की है।

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AAP and politics resigned Awadh Ojha Arvind Kejriwal compared to Jawaharlal Nehru

अवध ओझा ने अरविंद केजरीवाल की तुलना जवाहर लाल नेहरू से की।

Awadh Ojha: AAP के पूर्व नेता ओर मशहूर कोचिंग टीचर अवध ओझा ने भले ही आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद राजनीति से संन्यास ले लिया, लेकिन अरविंद केजरीवाल से उनकी दूरी कम नहीं हुई है। यह बात एक इंटरव्यू में अवध ओझा के दिए गए जवाब से साफ हो जाती है। इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया था कि अरविंद केजरीवाल जेल क्यों गए थे? इसपर अवध ओझा ने इसकी तुलना स्वतंत्रता सेनानियों से कर डाली। अवध ओझा ने कहा कि संसार में शायद कोई राजनेता ऐसा हो, जो जेल ना गया हो। अवध ओझा ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने एक लंबा समय जेल में काटा। इसके बाद वो देश के प्रधानमंत्री बने। इसके अलावा मशहूर वैज्ञानिक सोनम वांगचुक का भी उन्होंने जिक्र किया।

अरविंद केजरीवाल के जिक्र पर अवध ओझा ने क्या कहा?

इस दौरान फिर सवाल पूछा गया कि जवाहर लाल नेहरू तो स्वतंत्रता संग्राम के चलते जेल गए थे, उनपर शराब घोटाले का आरोप नहीं था? इसपर अवध ओझा ने पलटकर तपाक से कहा कि क्या शराब घोटाले का कोर्ट में आरोप साबित हो गया? अवध ओझा ने अपने सवाल के बाद कहा "जिस दिन कोर्ट में ये साबित हो जाएगा कि अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाल किया है। हम मान लेंगे, लेकिन भारतीय कानून के अनुसार, जब तक कोर्ट में दोष साबित न हो, किसी को भी दोषी नहीं कहा जा सकता। अरविंद केजरीवाल का मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।" अवध ओझा ने यह जवाब देकर अरविंद केजरीवाल के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया। अवध ओझा यहीं नहीं रुके, उन्होंने अरविंद केजरीवाल की उपलब्धियां भी गिनाईं।

शिक्षा के क्षेत्र में केजरीवाल की उपलब्धियां बताईं

इंटरव्यू के दौरान अवध ओझा ने खुलकर अरविंद केजरीवाल की तारीफ की। जब उनसे पूछा गया कि अरविंद केजरीवाल जब रामलीला मैदान में धरना दे रहे थे तो उन्होंने क्या कहा था? इसपर अवध ओझा ने कहा कि उन्होंने नए भारत के निर्माण की बात कही थी और यह करके भी दिखाया। अवध ओझा ने कहा "अरविंद केजरीवाल की जिस साल दिल्ली में सरकार बनी, उस साल सरकारी स्कूलों के मात्र 5 बच्चे IIT में सेलेक्ट हुए, लेकिन सरकार बनने के एक साल बाद ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों से 742 बच्चों का IIT क्वालिफाई करना अरविंद केजरीवाल की दूरदर्शिता दिखाता है।"

राजनीति में एक साल भी पूरा नहीं कर पाए अवध ओझा

दरअसल, मशहूर कोचिंग टीचर अवध ओझा ने दो दिसंबर 2024 को आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली। इसके बाद जनवरी-फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पटपड़गंज से उन्होंने चुनाव लड़ा। यह सीट दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने उनके लिए छोड़ी थी। इस सीट पर अवध ओझा चुनाव हार गए और पटपड़गंज में भाजपा के रवि नेगी चुनाव जीतक विधायक बने। हालांकि चुनाव हारने के बाद से ही अवध ओझा राजनीतिक गतिविधियों से दूर हो गए थे, लेकिन उन्होंने 30 नवंबर को राजनीति से संन्यास लेने की आधिकारिक घोषणा की। उस दौरान अवध ओझा ने अरविंद केजरीवाल को महान नेता बताया था।

अवध ओझा खुद को प्रैक्टिकली कमजोर बताया

राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा के बाद सियासत में मचे घमासान के बीच अवध ओझा ने एक इंटरव्यू के दौरान राजनीति छोड़ने का कारण भी बताया था। उन्होंने आम आदमी पार्टी और राजनीति छोड़ने के पीछे खुद को प्रैक्टिकली कमजोर होना बताया था। अवध ओझा ने कहा था "मेरी थ्योरी मजबूत है, लेकिन प्रैक्टिकल में कमी रह गई। हम किसी भी फील्ड में जाएं, हर चीज के दो पहलू हैं। जैसे जर्नलिज्म का कोर्स करने वाला लड़का जब फील्ड में जाता है तो उसे पता चलता है कि थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों ही अलग हैं। वैसे ही मुझे राजनीति का प्रैक्टिकल पहलू बिल्कुल पता ही नहीं था। मार्क्स और लेनिन को पढ़ना और फिर फील्ड में उतरकर उन बातों को फेस करना, दोनों ही अलग हैं। मेरा थ्योरिकल पार्ट बहुत मजबूत था, राजनीति के सारे कॉन्सेप्ट भी क्लियर थे, लेकिन प्रैक्टिकल पार्ट में कमी रह गई।"