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मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को SC से राहत, BJP के लिए झटका क्यों? कोर्ट का फैसला कांग्रेस के लिए संजीवनी

Rahul Gandhi: राहुल गांधी को आज मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने दोषसिद्धी तक उनके सजा पर रोक लगा दिया है।  

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 SC relief to Rahul Gandhi in Modi surname case, why a setback for BJP


कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी को आज मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए उनके सजा पर रोक लगा दी है। इससे राहुल गांधी सहित पूरे कांग्रेस पार्टी को बड़ी राहत मिली है। वहीं, कोर्ट के फैसले से भारतीय जनता पार्टी को जोर का झटका लगा है। आइए जानते है कि कैसे राहुल गांधी के पक्ष में आया ये फैसला उनके और उनकी पार्टी के लिए संजीवनी साबित हो सकता हैं।

क्या था मामला?

राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ''नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?' राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी को राहत

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि इतनी ज्यादा सजा देने का कोई ठोस आधार नहीं बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अधिकतम सजा देने की क्या जरुरत थी? अगर एक साल 11 महीने की सजा दी जाती तो उनकी सदस्यता नहीं जाती। अधिकतम सजा से एक संसदीय क्षेत्र और वहां के लोग प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने उनके खिलाफ आए फैसले पर रोक लगा दी। इससे राहुल गांधी और कांग्रेस दोनों को संजीवनी मिली है।

कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी को क्या होगा फायदा?


कांग्रेस के लिए संजीवनी क्यों?

राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत कांग्रेस के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे को फिर से संसद में आने के बाद पार्टी का मनोबल बढ़ेगा। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही देश की आम जनता को ये संदेश देने में कामयाब होगी कि केंद्र सरकार के हथकंडो से परेशान होकर भी राहुल गांधी ने सच का साथ नहीं छोड़ा और कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया।

इसके अलावा पार्टी राहुल गांधी के पक्ष में आए फैसले को पार्टी अपनी जीत के तौर पर लोगों को पेश करेगी। खुद राहुल गांधी ने जब से भारत जोड़ों यात्रा की है उनके स्वभाव में बदलाव हुआ है। वह अब सीधे आम लोगों से जुड़ रहे हैं। पार्टी इन बातों का अगले कुछ महीने में होने वाले चुनावों में भुनाने की पूरी कोशिश करेगी। कांग्रेस राहुल गांधी को अब नेता से जननायक बताने की कोशिश करेगी।

राहुल को राहत BJP के लिए झटका क्यों?

राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलना भाजपा के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। अब तक भाजपा अक्सर उनके बड़बोलेपन को लेकर सड़क से लेकर संसद तक घेरती है। वहीं, राहुल गांधी के फिर से संसद में आने पर वह मणिपुर के मुद्दे को लेकर लोकसभा में विपक्ष की आवाज को एक नई मजबूती देने की कोशिश करेंगे।

इसके अलावा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी वे खुलकर अपनी दावेदारी पेश कर पाएंगे। लेकिन देखने वाला बात ये भी है कि जब भी चुनाव राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी हुआ भाजपा एकतरफा चुनाव जीतती है। हां कुछ अपवाद 2018 के मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नतीजों के रूप में है।

कोर्ट ने राहत दी दोषमुक्त नहीं किया- राकेश त्रिपाठी

कोर्ट से राहुल गांधी को राहत मिलने पर पत्रिका की टीम से उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते है। लेकिन कांग्रेस के नेताओं को यह समझना होगा कि कोर्ट ने उनकी सजा पर कुछ समय के लिए रोक लगाया है। उन्हें दोषमुक्त नहीं किया है। राहुल गांधी की भाषा का स्तर क्या है यह पूरा देश जानता है। वह पहले ही जालसाजी के मामले में जमानत पर चल रहे हैं।