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खडसे के समर्थन में शिवसेना, पीठ पर वार करने वालों की औलाद नहीं

हाल ही में खडसे ने यह कहकर विवाद पैदा कर दिया है कि यदि उन्होंने मुंह खोला तो देश हिल जाएगा

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Rakesh Mishra

Jul 01, 2016

eknath khadse

eknath khadse

मुंबई। आरोपों के चलते अपना पद गवां चुके महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता एकनाथ खडसे के समर्थन में शिवसेना उतर आई है। शिवसेना ने अपने मुख पत्र सामना में सहयोगी बीजेपी पार्टी पर निशाना साधा है। सामना में लिखा गया कि अगर सीएम उनकी पार्टी का होता तो खडसे का यह हाल नहीं होता। सामना में लिखा गया कि वह पीठ पर वार करने वालों की औलाद नहीं है।

बता दें कि हाल ही में खडसे ने यह कहकर विवाद पैदा कर दिया है कि यदि उन्होंने मुंह खोला तो देश हिल जाएगा। उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने दावा किया, भले ही मैंने अपने खिलाफ आरोपों के चलते इस्तीफा दे दिया है, यदि मैंने अपना मुंह खोला तो पूरा देश हिल जाएगा।

पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना से नाता तोडऩे का जो कदम उठाया है, उसके चलते भाजपा गठबंधन का नेतृत्व कर रही है। उन्होंने कहा, यदि भाजपा और शिवसेना का गठबंधन नहीं टूटा होता तो महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री होता। मैंने गठबंधन को तोडऩे में अग्रणी भूमिका निभाई। इसी कारण आज मुख्यमंत्री भाजपा का है।

शिवसेना ने सामना में नाथाभाऊ का भी मनोगत नाम से संपादकीय लिखा है। सामना में लिखा गया कि जिस एकनाथ खडसे को मंत्री पद से जाना पड़ा, उन्होंने सीना ठोककर कहा है कि अपने ही दल के गद्दारों के कारण मुझे सत्ता से बाहर होना पड़ा। शिवसेना ने कहा कि उन्होंने ऐसा कहकर अपना मन ही हल्का किया है। शिवसेना के मुखपत्र में आगे लिखा गया है कि खडसे ने भले ही कई ईमानदार शिवसैनिकों पर वार किया, लेकिन इसके बावजूद पार्टी का उनसे बैर नहीं है।

सामना में लिखे गए इस संपादकीय में खडसे पर दाऊद से संबंध के आरोप को भी खारिज किया गया है। इसमें लिखा गया है कि शिवसेना का मुख्यमंत्री बना होता तो खडसे की पीठ पर ऐसा वार संभवत नहीं हुआ होता। खडसे पर कई आरोप लगे हैं, लेकिन उन पर दाऊद से संबंध वाला आरोप मान्य नहीं है।

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