
अमीरों से दोस्ती निभा रही मोदी सरकार, एलआईसी के पैसे से बैंक डिफाल्टरों की मौज: सीताराम येचुरी
नई दिल्ली। बैंकिंग डिफाल्टरों और घोटाले बीच आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी बिकने की खबर पर विपक्ष बौखला गया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कर्जदार आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की एलआईसी की योजना को आईआरडीएआई द्वारा मंजूरी प्रदान करने को लेकर निशाना साधा।
दोस्ती निभाने में व्यस्त सरकार: येचुरी
येचुरी ने आरोप लगाया कि सरकार नियामक तंत्र को नष्ट कर रही है और मित्रवाद का सबसे गंदा उदाहरण पेश कर रही है। माकपा नेता ने कहा कि एलआईसी का पैसा जनता का पैसा है और उन्होंने सरकार पर जनता के पैसों का दुरुपयोग कर अमीर डिफाल्टरों को राहत देने का आरोप लगाया।
'एलआईसी का पैसा डिफाल्टरों को क्यों'
सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर लिखा कि लोगों के पैसों का उपयोग कर अमीर डिफाल्टरों को राहत दी जा रही है। एलआईसी में जनता का पैसा है। अमीर डिफाल्टरों से ऋण की वसूली क्यों नहीं हो रही? मित्रवाद इस मोदी सरकार की सबसे बुरी चीज है। अमीर लूटकर भाग जाते हैं, और उनके कर्ज आम जनता को चुकाने पड़ते हैं।
'मोदी सरकार में रेगुलेटरी सिस्टम ध्वस्त'
माकपा नेता ने कहा कि एलआईसी को बैंकिंग में नहीं आना चाहिए। उसे अचानक नियमों में बदलाव कर ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। रेगुलेटरी सिस्टम को मोदी सरकार द्वारा धवस्त किया जा रहा है, ताकि डिफाल्टरों को अपना कर्ज चुकाना न पड़े। क्या चल रहा है?
गिरा और गिरता गया रूपया
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए ने अबतक के रिकॉर्ड निचले स्तर को छूने को लेकर भी येचुरी ने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि रुपया अबतक के निचले स्तर पर पहुंच गया है, अप्रबंधनीय एनपीए के लिए एलआईसी द्वारा आईडीबीआई को राहत और गुप्त स्विस बैंक खातों में भारतीयों द्वारा जमा 2017 में 50 प्रतिशत की वृद्धि। आईसीयू में कौन है मोदीजी। अर्थव्यवस्था, राजग या फिर अच्छे दिन?"
Published on:
30 Jun 2018 06:09 pm
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