
तेलंगाना में सरकार बनाने के लिए सोनिया गांधी करेंगी महारैली, खास रणनीति पर रहेगी नजर
नई दिल्ली। लंबे असरे के बाद कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कर्नाटक में चुनावी रैलियां की थीं। ब्रेक के बाद सोनिया ने दक्षिण की तरफ राजनीतिक कदम बढ़ाए थे, एक बार फिर चुनावी मैदान संभालने जा रही हैं। इस बार फिर उन्होंने चुना है दक्षिण को। जी हां पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बीच सोनिया गांधी 23 नवंबर यानी शुक्रवार को तेलंगाना का रुख करेंगी। तेलंगाना में होने वाली इस रैली को लेकर अभी से ही कांग्रेस और सत्ताधारी टीआरएस में सियासी जुमलेबाजी तेज हो गई है।
एक तरफ तेलंगाना कांग्रेस के नेता सोनिया गांधी को 'मदर ऑफ तेलंगाना' बता रहे हैं, तो वहीं टीआरएस के नेता के चंद्रशेखर राव को 'फादर ऑफ तेलंगाना' बता रहे हैं। दरअसल कांग्रेस के नेतृत्व में टीडीपी, तेलंगाना जन समिति और सीपीआई के बीच राज्य में बना 'प्रजाकुटामी' यानी 'जनता का गठबंधन', यूपीए की मुखिया सोनिया के दम पर केसीआर को चुनौती देना चाहता है, जो खुद को तेलंगाना के निर्माता बताते हैं।
सोनिया की वजह से तेलंगाना का अस्तित्व
आपको बता दें कि राज्य निर्माण के बाद जून 2014 में पहली बार विधानसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री केसीआर ने विधानसभा के फ्लोर से कहा था कि सभी को यह बात याद रखनी चाहिए कि यदि आज तेलंगाना अस्तित्व में है तो इसकी वजह सोनिया गांधी हैं। जिन्होंने इस मांग का पूरा समर्थन किया और इसे हकीकत में बदला।
तेलंगाना गठन के बाद पहली बार सोनिया गांधी पहुंचेंगी। मेडचल में होने वाली इस रैली के लिए व्यापक तौर पर तैयारियां की जा रही हैं, जिसमें 70 विधानसभा क्षेत्रों में एलईडी स्क्रीन लगाई जा रही हैं ताकि राज्य की ज्यादा से ज्यादा जनता सोनिया गांधी को सुन सके।
इस वोट बैंक पर सीधी नजर
कांग्रेस के घोषणा पत्र में तेलंगाना कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की 10 मांगों ने सुर्खियां बंटोरी। इनमें ईसाई बिशप, पास्टर की रक्षा, हर मंडल में चर्च के लिए जमीन, ईसाई तीर्थाटन के लिए सब्सिडी, लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा में ईसाईयों के लिए सीट, ईसाई पत्रकारों के लिए घर और स्वास्थ्य सुविधा जैसी मांगे शामिल थीं। ऐसे में ये तय है कि अपनी रैली के जरिये सोनिया ईसाई वोटों को बंटोरने की कोशिश करेंगी।
नायडू ने साझा नहीं करेंगे सोनिया के साथ मंच
उधर...एक खबर ये भी आ रही है कि तेलंगाना में रैली के दौरान सोनिया गांधी के साथ आंद्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू मंच साझा नहीं करेंगे। मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बन रहे महागठबंधन का हिस्सा होने के बाद भी नायडू की सोनिया से दूरी कुछ नए इशारे कर रही है।
वोटरों को ऐसे लुभाएंगी सोनिया
सोनिया अपनी रैली में वोटरों से सरकार बनाने पर कई सुविधाएं देने का वादा भी करेंगी। इसके तहत सभी रोगों का मुफ्त इलाज, भूमिधरों को घर बनाने के लिए ५ लाख का लोन, 3000 रुपये का बेरोजगारी भत्ता, तेलंगाना निर्माण के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोगों को पेंशन और किसानों की कर्जमाफी जैसे वायदे शामिल हो सकते हैं।
Published on:
22 Nov 2018 10:12 am
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