
अनदेखी से पुरातन संपदा बेहाल: गरगज मंदिर और मानस्तंभ हुआ क्षतिग्रस्त,ईदौर में प्राचीन मठ पर फैंका जा रहा कचरा
अशोकनगर. प्रदेश के चार गरगज मंदिरों में से एक गरगज मंदिर ईदौर गांव में है, जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। साथ ही अनजाने में लोग इसकी ऐतिहासिकता से भी छेड़छाड़ कर रहे हैं तो वहीं प्राचीन मठ कचरा घर बन गया है और इसके ऊपर ही लोग अब कचरे का ढ़ेर लगा रहे हैं।
ईदौर गांव में 8वी से 12वी शताब्दी की पुरा संपदा अनदेखी का शिकार है। जहां चार मंदिर, सैंकड़ों प्रतिमाएं, बावडिय़ां और अभिलेख असुरक्षित खुले में पड़े हुए अपने अस्तित्व को खोते नजर आ रहे हैं। भीमसेन की दस फिट ऊंची प्रतिमा का बारिश के पानी से क्षरण हो रहा है और सैंकड़ों प्राचीन प्रतिमाएं गांव में एक चबूतरे पर रखी हुई हैं। साथ ही गांव में कई जगहों पर प्रतिमाएं पड़ी हुई हैं। साथ ही जिनालय व मानस्तंभ क्षतिग्रस्त होकर खंहडऱों में तब्दील होते जा रहे हैं।
जो कभी धार्मिक मठ रहा, उस पर फेंका जा रहा है कचरा-
8वी शताब्दी का मठ कभी धार्मिक आस्था का केंद्र रहा और लोग इस मठ का बड़ा आदर-सम्मान करते थे। लेकिन क्षतिग्रस्त हो चुके इस मठ पर लोग कचरा फैंक रहे और मठ कचरे के ढ़ेर में दबता जा रहा है। कचरे के ढ़ेर में दबा हुआ है मठ अपने अस्तित्व को खोता नजर आ रहा है। लेकिन इसे सहेजने की वजाय अनजाने में लोग इसे नष्ट कर रहे हैं और यदि ऐसा ही रहा तो एक दिन मठ पूरी तरह से कचरे के ढ़ेर में दब जाएगा।
पेन्सिलवेनिया के प्रोफेसर ने जिस पर लिखा लेख, वह अनदेखी का शिकार-
जिले के इतिहास और पुरातत्व पर निरंतर अध्ययन कर रहे कदवाया के हेमंत दुबे ने बताया कि प्रदेश में चार गरगज मंदिर हैं और इनमें से एक ईदौर गांव में है। जो क्षतिग्रस्त हो गया और मंदिर के शिखर से पत्थर टपकने लगे हैं। लोगों ने आस्था दिखाते हुए मंदिर के फर्श पर टाइल्स लगा दीं, लेकिन इससे मंदिर की प्राचीनता प्रभावित हुई। तारकाकार शैली का होने की वजह से पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर माइकल मीस्टेर ने इस मंदिर के शिल्प पर लेख लिखा था, लेकिन जिले में इसके संरक्षण पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
Published on:
21 Apr 2022 02:17 pm
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