अखबार ने लिखा है कि गोरखनाथ मंदिर, जिसके आदित्यनाथ महंत हैं, का पुराना चरमपंथी इतिहास रहा है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 1959 तक गोरखनाथ मंदिर के महंत रहे दिग्विजय नाथ को महात्मा गांधी की हत्या के कुछ दिन पहले उनकी हत्या के लिए युवाओं को उकसाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। वहीं उनके बाद आए महंत अवैद्यनाथ ने 1992 में 16वीं सदी में बनी बाबरी मस्जिद को गिराने और उसकी जगह मंदिर बनाने के लिए भीड़ को उकसाया था। इस घटना के बाद भारत के हालिया इतिहास के सबसे खूनी दंगे भड़क उठे थे।