जिलों की मोर्चरी में रखी लावारिस लाशें पुलिस कर्मियों का इंतजार कर रही है। कब पुलिसकर्मी चुनावी डयूटी से वापस लौटकर आए और लावारिस लाश की शिनाख्त कर उनका क्रिया कर्म करवाए या फिर उनके परिजनेां केा सौंपे। जिससे मरने वालों की आत्मा को शांति मिल सके। फरवरी माह में मेरठ मंडल के जिलों में करीब 10 लाशें विभिन्न जिलों में अब तक मिल चुकी हैं। जिनकी अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकी की। इन लाशों को मोर्चरी में रखवाया गया है। एक माह के भीतर मिले इन शवों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। पुलिसकर्मियों के चुनाव ड्यूटी में लगे होने से लाशों की शिनाख्त और उनकी पहचान का काम अधूरा पड़ा हुआ है। जिससे ये काम अब पूरी तरह से बाधित है।
यह भी पढ़े : UP assembly election 2022 seventh phase: आजमगढ़ में धीमी शुरूआत के बाद बढ़ा वोटिंग का ग्राफ, 11 बजे तक 20.09 प्रतिशत मतदान इन लावारिस लाशों को भी 10 मार्च तक इंतजार करना होगा। उसके बाद ही इनको अपनों की पहचान मिल सकेगी। हालांकि लावारिस लाशों को अधिक समय तक रोका नहीं जाता है। इन लावारिस लाशों का मिलने के 72 घंटे बाद पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार करा दिया जाता है। लेकिन मृतक कौन था, कहां से था, इन सब सवालों का जवाब खोजना बाकी रह जाता है। ये भी अब 10 मार्च के बाद ही पता चलेगा। जब जिलों के थानों में पुलिसकर्मियों की वापसी होगी और वे इन लावारिस लाशों के बारे में जांच पड़ताल कर पता करेंगे कि आखिर लाश कहां से आई और किसकी थी।