मीटिंग– मंगलवार सुबह करीब दस बजे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के घर पर हुई एक बैठक में पार्टी ने जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन खत्म करने का फैसला लिया गया। अमित शाह ने पार्टी के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं को आपात बैठक के लिए दिल्ली बुलाया था। बैठक में कश्मीर के नेताओं के साथ साथ अमित शाह ने भाजपा के शीर्ष नेताओं से भी मुलकात की। अमित शाह ने इस बड़े फैसले से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी विचार-विमर्श किया था।
घोषणा– भाजपा के महासचिव राम माधव ने दोपहर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन वाली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की।
राज्यपाल शासन की मांग– इसके साथ ही राज्यपाल एनएन वोहरा ने जम्मू कश्मीर के संविधान के सेक्शन 92 के तहत राज्यपाल शासन लगाने की सिफारिश की।
इस्तीफा– समर्थन वापस लेते ही सीएम महबूबा मुफ्ती ने शाम करीब तीन बजे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
मुफ्ती की आपात बैठक– इस्तीफा सौंपने के साथ ही उन्होंने शाम पांच बजे अपनी पार्टी की आपात बैठक बुलाई।
राज्यपाल शासन लागू– राष्ट्रपति रामनाथ कोविंग ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
एनएन वोहरा की पहली बैठक– घाटी में राज्यपाल एनएन वोहरा ने कमान संभाल ली। जिसके बाद 12.30 बजे पहली बैठक बुलाई गई।
भाजपा का शक्ति प्रदर्शन– राज्य में इस बदले हालात के बाद भाजपा 23 जून को बड़ा शक्ति प्रदर्शन करने की योजना बना रही है। बता दें इस दिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि होती है जिसपर रैली आयोजित की जाएगी। रैली में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल होंगे।