बता दें कि कोसी रेल महासेतु की लम्बाई 1.9 किलोमीटर है। इसके निर्माण पर 516 करोड़ रुपए की लागत आई है। कोसी रेल महासेतु के उद्घाटन से बिहार के उत्तरपूर्वी क्षेत्रों के साथ रेल और सड़क संपर्क काफी आसान हो जाएगा। पीएम मोदी इस महासेतु का उद्घाटन दोपहर 12 बजे किया । 1887 में निरमली और भापतियही के बीच मीटर गेज का निर्माण किया गया था। भारी बाढ़ और 1934 में आए विनाशकारी भूंकप से यह रेल लिंक बह गया था। भारत सरकार ने साल 2003-04 को कोसी मेगा ब्रिज प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी।
इस वजह से मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने पर मजबूर हुईं Harsimrat Kaur, जानें आगे की रणनीति कोसी रेल महासेतु का निर्माण कोरोना संकट काल में पूरा हुआ है। इसमें प्रवासी मजदूरों ने भी अपना योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोसी महासेतु के अलावा 12 रेल परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। इन रेल परियोजानाओं में किउल नदी पर एक रेल सेतु, दो नई रेल लाइनें, पांच विद्युतीकरण से संबंधित, एक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव शेड और बाढ़ और बख्तियारपुर में तीसरी लाइन परियोजना भी शामिल है।
इसके साथ पीएम सहरसा-असनपुर कुपहा रेल सेवा को सुपौल स्टेशन से हरी झंडी दिखाई। इस रेल सेवा की शुरुआत से सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। वहीं कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसी लंबी दूरी के रेल यात्रियों को भी सहूलियत होगी।
Agriculture Bill लोकसभा से पास होते ही मोदी सरकार को लगा झटका, जानें क्यों हो रहा है इसका विरोध पीएम मोदी मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी, समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर, समस्तीपुर-खगड़िया और भागलपुर-शिवनारायणपुर रेलखंडों के विद्युतीकरण परियोजनाओं का भी आज उद्घाटन किया। बता दें कि पीएम मोदी पिछले कुछ दिनों के अदंर बिहार के लोगों को एक दर्जन से अधिक परियोजनाओं की सौगात दे चुके हैं।