
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने केंद्रीय कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आंदोलनरत किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए। कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर जो चल रहा है वो आपराधिक गतिविधियां हैं। यह सब एक एजेंडे के तहत हो रहा है। 26 जनवरी को जो कुछ हुआ वो भी शर्मनाक था। विपक्ष दलों ने किसानों की आड़ में ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया।
देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा करने की कोशिश
इससे पहले 10 फरवरी 2021 को भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने भारत के खिलाफ कुछ शक्तियों के सक्रिय होने और अराजक तत्वों द्वारा गृह युद्ध उकसाने कोशिश करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जब दुनिया कोरोना वायरस महामारी के संकट से पूरी तरह बाहर भी नहीं निकल पाई है, तब किसानों के नाम पर हो रहे प्रदर्शन की आड़ में लाल किले की घटना इस बात को स्पष्ट करते हैं।
भाजपा सांसद ने परोक्ष रूप से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए कहा था कि हम देश के एक कोने में बैठे कुछ मुट्ठी भर लोगों की बात कर रहे हैं जो आढ़तिये हैं। वे अमीर लोग हैं जो पैर मसाज करा रहे हैं। पिज्जा पार्टी कर रहे हैं।
साथ ही उन्होंने कहा था कि हम देख रहे हैं कि अराजक तत्व देश में गृह युद्ध की कोशिश कर रहे हैं। लेखी ने कहा कि पिछले वर्ष नागरिकता संशोधन कानून के बाद दिल्ली में दंगे हुए थे और उसी तरह की हिंसा 26 जनवरी को लाल किले पर हुई।
किसानों के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा
दूसरी तरफ मॉनसून सत्र का लाभ उठाते हुए विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा मचाने का सिलसिला आज भी जारी है। विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को किसान विरोध करार दिया है।
Updated on:
22 Jul 2021 05:06 pm
Published on:
22 Jul 2021 05:00 pm
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