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अविश्वास प्रस्ताव: टीडीपी सांसद ने पीएम को कहे अपशब्द, रक्षामंत्री ने किया कड़ा विरोध

टीडीपी के एक सांसद ने भी अपना बयान दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया।

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Kiran Rautela

Jul 20, 2018

parliament

अविश्वास प्रस्ताव: टीडीपी सांसद ने पीएम को कहे अपशब्द, रक्षामंत्री ने किया कड़ा विरोध

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र चल रहा है। साथ ही पक्ष-विपक्ष की बयानबाजी भी चल रही है। बता दें कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए आज का पूरा दिन तय किया गया है। साथ ही अविश्वास प्रस्ताव पर शाम को मतदान भी होना है।

आपको बता दें कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस चल रही है। जिसमें एक-एक करके सभी नेता अपने बयान दे रहे हैं। ज्ञात हो कि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने सत्ताधारी मोदी सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव दिया है। गौरतलब है कि टीडीपी पहले एनडीए की सहयोगी पार्टी हुआ करती थी। लेकिन कुछ मतभेदों के बाद टीडीपी इस गठबंधन से अलग हो गई है।

टीडीपी की तरफ से श्रीनिवास ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और पहली बार चुने गए सासंद जयदेव गल्ला ने प्रस्ताव का समर्थन किया और भाजपा सरकार को श्राप भी दिया।

इसी क्रम में टीडीपी के एक सांसद ने भी अपना बयान दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। इससे संसद में चल रही बहस ने और आग पकड़ ली। इसी बीच रक्षामंत्री सीता रमण ने सीट पर खड़े होकर इसका विरोध किया और सांसद को अपने शब्द वापस लेने को कहा। हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही भी कुछ देर के लिए स्थगित रही। मामले को संभालने के लिए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को भी बीच में आना पड़ा और सदन की कार्यवाही से उस शब्द को हटाने के लिए कहा।

गौरतलब है कि टीडीपी ने संसद सत्र के दौरान कहा कि मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश के साथ धोखा किया है। जिसकी वजह से राज्य आज मुशीबत में है। टीडीपी सांसद ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के दौरान भाजपा ने राज्य को विशेष दर्जा देने का वादा किया था। लेकिन आज भी हमें उसके लिए लड़ना पड़ रहा है। आगे उन्होंने कहा कि राज्य पर भारी कर्ज है लेकिन केंद्र ने अभी तक कोई मदद नहीं की है। बता दें कि मोदी सरकार के अभी तक के कार्यकाल में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव आया है। हांलाकि सरकार इस प्रस्ताव के विफल होने को लेकर आश्वस्त है क्योंकि उसके पास बहुमत के आंकड़े ज्यादा हैं।

गौरतलब है कि अभी तक के इतिहास में संसद में 26 बार अविश्वास प्रस्ताव हैं। जिनमें से सिर्फ दो बार ही विपक्ष को कामयाबी मिली।