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उर्मिला मातोंडकर ने 1919 के रॉलेट एक्ट से की CAA और NRC की तुलना

Former congress Leader Urmila Matondkar का बड़ा बयान CAA की तुलना 1919 के रॉलेट एक्ट से की सीएए को बताया काला कानून

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urmila matondkar

उर्मिला मातोंडकर

नई दिल्ली। कांग्रेस ( Congress ) की पूर्व नेता और अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ( Urmila Matondkar ) का बड़ा बयान सामने आया है। उर्मिला ने देशभर में हो रहे नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर ( NRC ) को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उर्मिला मातोंडकर ने इस कानून को लेकर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने सीएए की तुलना अंग्रेजों के समय में आए रॉलेट एक्ट से की।

बताया काला कानून
उर्मिला ने कहा, '1919 में आया रॉलेट एक्ट और 2019 में आया सीएए दोनों को इतिहास में काले कानून के तौर पर याद किया जाएगा। CAA ना सिर्फ गरीबों के खिलाफ है, बल्कि ये कानून मुस्लिम विरोधी भी है।

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उर्मिला ने कहा हमें ऐसा कानून नहीं चाहिए जो धर्म के आधार पर मेरी पहचान और नागरिकता का पता लगाता है। संविधान कहता है कि आप लिंग, धर्म, जाति के आधार पर किसी की पहचान नहीं कर सकते।

उर्मिला ने आगे कहा, 'साल 1919 में दूसरा विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद अंग्रेजों को पता था कि हिंदुस्तान में असंतोष फैल रहा है और ये असंतोष बाहर आने वाला है इसलिए वो एक कानून लेकर आए थे।

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उस कानून के मुताबिक किसी भी शख्स को देश विरोधी गतिविधियां करने पर बिना किसी पूछताछ और सबूत के जेल में डालने की अनुमति सरकार को थी।' मौजूद सरकार भी कुछ ऐसा ही कर रही है। सीएए और एनआरसी के जरिये जब चाहे जिसे चाहे बाहर का रास्ता दिखा सकती है।