
independence day 2021
national flag, national flag rules, Independence Day 2021: आज हम देश की आजादी की 75 सालगिरह 75th independence day मना रहे हैं। 15 अगस्त 1947 (15 August 1947) के दिन हम सैंकड़ों सालों की गुलामी के बाद आजाद हुए थे, इस लिए हमारे लिए 15 अगस्त की तारीख बहुत खास है। इस दिन देश के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा Tiranga Jhanda फहराते हैं, तो आइये जानते हैं तिंरगे से जुड़ी कुछ और दिलचस्प बातें व नियम-कानून।
तिरंगे से जुड़ी खास बातें-
हर साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश के प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। जबकि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं।
15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने में अंतर होता है। 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को ऊपर की ओर खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है। दरअसल, जिस दिन भारत को आजादी मिली थी उस दिन ब्रिटिश हुकूमत का झंडा उतार कर भारत के तिरंगे झंडे को ऊपर चढ़ाया गया था इसलिए हर साल 15 अगस्त को तिरंगा ऊपर खींचा जाता है फिर फहराया जाता है।
26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, इस दिन राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर बंधा जाता हैं, और राष्ट्रपति उसकी डोर खींचकर उसे फहराते हैं । यही वजह है कि उसे ध्वजारोहण नहीं बल्कि झंडा फहराना कहते हैं।
इंडियन फ्लैग कोड को 26 जनवरी 2002 को संशोधित किया गया था। इस संशोधन के बाद नागरिक राष्ट्रीय ध्वज को अपने घरों, कार्यालयों और दफ्तरों पर भी फहरा सकते हैं।
तिरंगे के नियमों में बदलाव के साथ ही कुछ सख्त नियम भी बनाए गए हैं, ताकि ध्वज का अपमान न हो सके। जैसे तिरंगा झंडे का कपड़ा कौन सा हो? इसका आकार, लंबाई, चौड़ाई कितनी हो और किस परिस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा सकता है?
राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर तिरंगा झंडा आजादी से पहले ही मान्यता मिल गई थी । 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने तिरंगे झंडे को अनुमति दी थी। इस दिन संविधान में लिखित तौर पर तय किया गया कि तिरंगा हमारा झंडा होगा।
तिरंगे झंडे का डिजाइन पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था, इसकी लंबाई चौड़ाई का रेशियो 3:2 होता है। बीच में बने अशोक चक्र में 24 तीलियां होती हैं।
जर्मनी के सर स्टुगर्ट में साल 1907 में मैडम भीखाजी कामा ने पहली बार विदेश में तिरंगा झंडा लहराया।
सूर्य निकलने से पहले अंधेरे में झंडा नहीं फहराया जाता है। हमेशा सूर्य की रोशनी में झंडा फहराया जाना चाहिए। सूर्यास्त के बाद झंडे को उतार लिया जाता है।
तिरंगा झंडे से जुड़े हुए नियम-कानून काफी सख्त हैं. इनका पालन न करने पर संविधान में सज़ा का भी प्रावधान है। ध्वज के किसी भी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने या अपमान करने पर जेल हो सकती है।
झंडा कभी भी ज़मीन में स्पर्श नहीं होना चाहिए। कभी भी मैला-कुचैला झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए।
भारत में कोई भी झंडा लगाना चाहते हैं, तो राष्ट्रीय ध्वज सबसे ऊपर रहेगा।
कई देशों के झंडे एक साथ लगेंगे तो हमेशा दूसरे देश के झंडे के बराबरी पर लगाते वक्त अपना ध्वज दाहिनी ओर लगाया जाएगा।
जब देश पर संकट आ जाता है तो ध्वज को उल्टा लहराया जाता है। राष्ट्रीय शोक के वक्त ध्वज को झुकाया जाता है।
Updated on:
15 Aug 2021 02:14 pm
Published on:
15 Aug 2021 02:10 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
