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सोनिया और राहुल की वापसी तक कर्नाटक कैबिनेट का विस्‍तार क्‍यों नहीं कर सकते कुमारस्‍वामी?

कुमारस्‍वामी अहम मंत्रालयों के आवंटन को लेकर कांग्रेस-जेडीएस के बीच सहमति नहीं बन पाने से कैबिनेट का विस्‍तार नहीं कर पा रहे हैं।

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सोनिया और राहुल के वापसी तक कर्नाटक कैबिनेट का विस्‍तार क्‍यों नहीं कर सकते कुमारस्‍वासी?

नई दिल्‍ली। कांग्रेस के समर्थन से 23 मई को जेडीएस नेता एचडी कुमारस्‍वामी ने कर्नाटक के सीएम के रूप में दूसरी बार शपथ ली थी। लेकिन पांच दिनों बाद भी वो कर्नाटक कैबिनेट का विस्‍तार नहीं कर पाए हैं। ऐसा नहीं है कि वो विस्‍तार करना नहीं चाहते, पर उनकी राजनतिक मजबूरी है कि अब वह जैसा चाहें वैसा नहीं कर सकते। इसके लिए अब उन्‍हें एक सप्‍ताह का और इंतजार करना होगा।

आपको बता दें कि केवल 38 सीट जीतकर कुमारस्‍वामी कांग्रेस के समर्थन से सीएम बने हैं। इसलिए अब उन पर दबाव है कि सभी अहम मंत्रालय कांग्रेस के मंत्रियों के हवाले करें। इस बात को लेकर खींचतान जारी है। कई दौर के बाद भी सहमति नहीं बन पाई है। साथ ही राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी का इलाज कराने के लिए विदेश चले गए हैं और सीएम को अब उनके लौटने तक का इंतजार करना होगा।

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कहां फंसा है पेंच
दरअसल कर्नाटक की सत्‍ता से भाजपा को बेदखल रखने के लिए कांग्रेस ने चुनाव परिणाम आने से पहले ही जेडीएस के कुमारस्‍वमी का ऑफर दे दिया था। ताकि वो भाजपा से गठबंधन न कर सकें। कांग्रेस ने जेडीएस को बिना शर्त समर्थन दिया था। लेकिन येदियुरप्‍पा के इस्‍तीफा देने के बाद कांग्रेस ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। पहले तो कांग्रेस ने डिप्‍टी सीएम और स्‍पीकर का पद देने के लिए जेडीएस को मजबूर किया। अब कांग्रेस की नजर अहम मंत्रालयों पर है। कांग्रेस चाहती है कि वित्त, गृह, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ऊर्जा, सिंचाई और शहरी विकास जैसा मंत्रालय उसके कोर्ट के मंत्रियों को मिले। कांग्रेस की इच्‍छा है कि कुमारस्‍वामी पहले अपने मंत्रियों की सूची और उनका पोर्टफोलियो उन्‍हें सौंपें। लेकिन कुमारस्‍वामी ऐसा नहीं चाहते। इस मुद्दे पर बेंगलूरु से लेकर दिल्‍ली तक कांग्रेस के प्रदेश स्‍तर और राहुल गांधी व सोनिया गांधी से कई दौर की बातचीत में फैसला न होने की वजह से कैबिनेट विस्‍तार का पेंच फंसा हुआ है। सहमति नहीं बन पाने के कारण सोनिया गांधी को रूटीन चेकअप के लिए राहुल के साथ बाहर चलीं गईं और पार्टी के नेताओं ने सीएम को इस बात का फरमान भी सुना दिया गया कि सोनिया और राहुल की वापसी तक कैबिनेट विस्‍तार संभव नहीं है।

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कुमार ने क्‍यों कहा मैं कांग्रेस का ऋणी हूं
इस बीच सीएम कुमारस्‍वामी ने बयान दिया है कि वो सीएम बनने के लिए प्रदेश की जनता नहीं , बल्कि कांग्रेस के ऋणी हैं। इसके पीछे उनका तर्क है कि प्रदेश की जनता से हमने बहुमत देने की मांग की थी। लोगों को समर्थन नहीं मिला। वह कांग्रेस के समर्थन के बल पर ही सीएम बने हैं। इसलिए मैं कांग्रेस का ऋणी और एहसानमंद हूं। साथ ही उन्‍होंने ये भी साफ कर दिया है कि उन्‍होंने जनता से कृषि ऋण छूट का वादा किया था कि जिसे वो पूरा करके रहेंगे। ऐसा न करने पर अपने पद से इस्‍तीफा दे देंगे। लेकिन अब उन्‍होंने संकेत दिया है कि शायद वो वैसा न कर पाएं।