
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 8 लाख लोग हर साल आत्महत्या की वजह से मर जाते हैं।
नई दिल्ली। दुनिया भर में जारी अशांति और तनाव के बीच आज विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (
World Suicide Prevention Day ) मनाया जा रहा है। इस बार सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले को लेकर भी इसकी अहमियत बढ़ गई है। वहीं कोरोना वायरस महामारी की वजह से आये दिन आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं।
यही वजह है कि आत्महत्या का मामला फिर से दुनिया भर में चर्चा में है। वर्तमान दौर में हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। बेरोजगारी, करिअर की चिंता, लाइफस्टाइल, अकेलापन, संबंधों में अलगाव व कई अन्य मनोविकार संबंधी समस्याओं से परेशान लोग आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं।
दैनिक जीवन में नियमित या फिर समय-समय पर होने वाली इन परेशानियों की वजह से हर उम्र के लोगों में मोहभंग,चिड़चिड़ापन, आत्महत्या, तनाव, हिंसा की प्रवृति बढ़ रही है। खासकर आत्महत्या के मामले काफी संख्या में सामने आने लगे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 8 लाख लोग हर साल आत्महत्या की वजह से मर जाते हैं। प्रति 40 सेकेंड पर एक व्यक्ति आत्महत्या से मरता है। इतना ही नहीं मरने वालों से 25 गुना ज्यादा लोग आत्महत्या का प्रयास भी करते हैं। दुनियाभर में 79 फीसदी निम्न और मध्यवर्ग वाले देशों के लोग आत्महत्या करते हैं।
इन सबका बुरा परिणाम वे झेलते हैं जिनका अपना आत्महत्या के प्रयास की वजह से इस दुनिया ये हमेशा के लिए चला जाता है।
इसके अलावे पारिवारिक समस्या भी एक बड़ा फैक्टर के रूप में सामने आया है। लोग नौकरी या शादीशुदा जिंदगी की समस्याओं से पार न पाने की वजह से भी इस तरह का कदम उठाने लगे हैं।
ये 2020 का थीम
इस बार विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम ‘वॉकिंग टुगेदर टू प्रिवेंट सुसाइड’ यानी आत्महत्या की रोकथाम के लिए साथ काम करना है। इस दिवस को आत्महत्या दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत 2003 में हुई थी। इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ सुसाइड प्रिवेंशन द्वारा की गई थी।
Updated on:
10 Sept 2020 07:04 pm
Published on:
10 Sept 2020 03:03 pm
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