प्रतापगढ़

नाम के रह गए आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र

जिले में गत वर्षों में १५ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दो चरणों में आदर्श बनाया गया था। लेकिन यहां आज स्थिति सही नहीं है। कई स्थानों पर चिकित्साकर्मियों की कमी है तो कहीं संसाधनों का भी अभाव है। ऐसे में जिले के कई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नाम के आदर्श बने हुए है। इस संबंध में क्षेत्र के ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने भी उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है।

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नाम के रह गए आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र


चिकित्साकर्मियों समेत कई संसाधनों की कमी
जिले में गत वर्षों में दो चरणों में १५ पीएचसी को बनाया था आदर्श
प्रतापगढ़
जिले में गत वर्षों में १५ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दो चरणों में आदर्श बनाया गया था। लेकिन यहां आज स्थिति सही नहीं है। कई स्थानों पर चिकित्साकर्मियों की कमी है तो कहीं संसाधनों का भी अभाव है। ऐसे में जिले के कई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नाम के आदर्श बने हुए है। इस संबंध में क्षेत्र के ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने भी उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। लेकिन चिकित्साकर्मियों की कमी के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर सरकार और विभाग की ओर से इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्साकर्मी और अन्य सुविधाएं पूरी तरह से उपलब्ध कराने का दावा किया गया था। जो अब नाकाफी हो गई है।
जिले में इन केन्द्रों को बनाया था आदर्श
जिले में दो चरणों में कुल १५ पीएचसी को आदर्श बनाया गया था। जिसमें प्रथम चरण में पांच केन्द्र अवलेश्वर, घंटाली, दलोट, पारसोला, बंबोरी को आदर्श बनाया गया था। दूसरे चरण के पहली बार सालमगढ़, केला मेला, नया बोरिया, सुहागपुरा को आदर्श बनाया गया था। इसके बाद अंबामाता, सिद्धपुरा, देवला, मांडवी, कारुंडा, देवगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को आदर्श बनाया गया था।
यहां भी हालत सही नहीं
पारसोला
क्षेत्र के देवला स्थित आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में सुविधाओं की कमी है। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पीएचसी भवन सर्वसुविधायुक्त बना हुआ है। लेकिन चिकित्साकर्मियों का अभाव है। कई गांवों के करीब १२ हजार से ज्यादा लोगों के चिकित्सा का एक मात्र केन्द्र पीएचसी देवला है। ग्रामीणों ने यहां चिकित्साकर्मियों के लिए कई बार ज्ञापन देकर मांग की है। लेकिन कोई स्थायी कर्मचारी नहीं लगाया गया है। इसके अलावा नर्सिंग स्टॉफ का दो पद, एएनएम ,एलएसवी, लेब टेक्निशीयन, लेखा सहायक, फार्मास्टि सहित समस्त पद रिक्त है।
सालमगढ़ पीएचसी में पेयजल संकट
सालमगढ़
राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पेयजल समस्या अधिक है। वहीं चिकित्साकर्मियों का भी अभाव है। यहां दो मेडिकल अधिकारी की पोस्ट है। जिसमें से एक को अरनोद लगा रखा है। जबकि आयुष चिकित्सक की पोस्ट खाली पड़ी है। यहां तीन नर्सिंग का स्टाफ है। यदि 24 घंटे अस्पताल में सेवाओं के लिए 6 का नर्सिंग स्टाफ चिकित्सालय को चाहिए। इसके अलावा फार्मासिस्ट का एक पद खाली है। एक और ऑपरेटर की आवश्यकता रहती है। इसके अलावा हिंगलाट सब सेंटर पर एक पद खाली पड़ा है। कुल 14 से 18 पदों की आवश्यकता चिकित्सालय में रहती है। वर्तमान में 7 पद ही भरे हुए हैं। यहां पिछले महीने 59 प्रसव हुए थे। जबकि इस माह अब तक 46 प्रसव हो चुके है।
यह थी योजना
योजना के तहत वर्ष २०१६ में एक अप्रेल से यह योजना शुरू की गई थी। जिसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाए गए। इस केन्द्रों को वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाना था। इन चिकित्सालयों में रंगरोगन से लेकर चिकित्सा सुविधाएं निजी चिकित्सालयों सरीखी की गई थी। आदर्श पीएचसी पर चिकित्सक सहित पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी को पूरा किया गया। वहीं आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए हर्बल गार्डन विकसित निरोग रखने के लिए योगा क्लॉसेज लगाई जानी थी। सभी आवश्यक जांचों की भी सुविधा की गई।
कर रहे है प्रयास
जिले में आदर्श पीएचसी पर आवश्यक सुविधाओं के लिए प्रयास किया जा रहा है। सभी प्रकार की जांचें भी की जा रही है। चिकित्साकर्मियों की भी उपलब्धता कराई जा रही है। डॉक्टरों की काफी कमी है। इसका असर हो रहा है। फिर भी एक चिकित्सक के पास दो-दो स्थानों का जार्च दिया है। जिससे सेवाएं देने का प्रयास कर रहे है। इस संबध्ंा में समय-समय पर उच्चाधिकारियों और सरकार को भी अवगत कराया जाता है।
डॉ. वीके जैन

Published on:
27 Dec 2019 11:44 am
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