
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना: मनरेगा श्रमिक लगाने के लक्ष्य में पिछड़ा प्रतापगढ़
- राज्य में अधिकांश जिलों का यही हाल
- धीमी गति पर सरकार ने जताया असंतोष
प्रतापगढ़. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में चल रहे भवन निर्माण के कार्यों में मनरेगा श्रमिकों को नियोजित करने के मामले में प्रदेश के अधिकांश जिले लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए हैं। प्रदेश में 90 में से औसतन 64 कार्यदिवस ही मनरेगा श्रमिकों को मिल पाए हैं। हालांकि इस मामले में प्रतापगढ़ की स्थिति अन्य जिलों के मुकाबले अच्छी है। यहां लक्ष्य की तुलना में 76 प्रतिशत उपलब्धि हुई हैं, लेकिन लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया। ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने प्रदेश के सभी जिलों के कलक्टरों को पत्र लिखकर अब तक की प्रगति पर असंतोष जताया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 90 दिन का रोजगार मनरेगा श्रमिकों को दिया जाना था, लेकिन प्रदेश का एक भी जिला इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका। यह खेदजनक है। उन्होंने निर्धारित लक्ष्य की तुलना में कम उपलब्धि पर जवाब मांगा है। ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि इस वर्ष 4 लाख 50 हजार 816 आवासों का लक्ष्य था। इसके मुकाबले 67 हजार 112 आवासों की स्वीकृति शेष है। जिन जगहों पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बन रहे हैं, वहां 90 दिन का काम मनरेगा के तहत अकुशल श्रमिकों को देना है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
7 जिलों में 6 0 फीसदी से कम उपलब्धि
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में मनरेगा के श्रमिकों को 90 कार्य दिवस के मामले में 7 जिले ऐसे हैं जो 6 0 प्रतिशत के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाए। इनमें बीकानेर सबसे कम 38 प्रतिशत रहा। इसके अलावा झालावाड़, दौसा, राजसमंद, भीलवाड़ा, बूंदी और करौली में 50 में से 6 0 फीसदी के बीच का काम हुआ है। इस मामले में 91 प्रतिशत उपलब्धि के साथ चित्तौडगढ़़ जिला सबसे ऊपर है।
प्रतापगढ़ में 76 फीसदी उपलब्धि
पीएम आवास योजना में नरेगा श्रमिकों को काम देने के मामले में प्रतापगढ़ जिले ने लक्ष्य भले ही हासिल नहीं किया हो, लेकिन जिले की उपलब्धि संतोषजनक कही जा सकती है। यहां लक्ष्य 19,339 आवासों की तुलना में 15422 मनरेगा कार्य पूरे हो चुके। जहां तक श्रमिकों को काम देने के मामला है, वित्तीय वर्ष 2019-20 में स्वीकृत कार्य दिवस 7,83,612 की तुलना में 591980 कार्य दिवस मनरेगा में सृजित किए गए। यह लक्ष्य की तुलना में 76 प्रतिशत है।
क्या है योजना
केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और मनरेगा को आपस में जोड़ रखा है। इसके तहत गांवों में पीएम आवास योजना में सरकारी अनुदान पर जो भी घर बन रहे हैं। उनमें अकुशल श्रमिक के रूप में 90 कार्य दिवस का रोजगार मनरेगा के तहत दिया जाना है। यानि मनरेगा श्रमिकों को भवन निर्माण के काम में भी लगाया जा सकता है।
---
Published on:
01 May 2020 06:00 am
बड़ी खबरें
View Allप्रतापगढ़
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
