
Pre monsoon rains started sowing प्री मानसून बारिश कुछ स्थानों पर होने लगी बुवाई
प्रतापगढ़. गत दिनों से हो रही प्री मानसून बारिश के बाद कुछ इलाकों में किसानों ने बुवाई शुरू कर दी है। हालांकि अधिकांश इलाकों में अभी बुवाई लायक बारिश नहीं हुई है। जिससे किसान अभी खेतों मे हंकाई और खाद छिडक़ने में जुटे हुए है। ऐसे में किसानों का खेतों पर ही डेरा है।
गौरतलब है कि गत दिनों जिले के कई इलाकों में प्री मानसून की बारिश हुई। इस दौरान खंड बारिश हुई। जोकाफी कम इलाकों में ही बुवाई लायक हुई है। इसके बाद अब फिर से मौसम खुल गया है। हवा तेज चलने लगी है। आमसान में बादलों की आवाजाही शुरू हो गई है। ऐसे में जहां अच्छी बारिश हुई है। वहां किसानों ने बुवाई शुरू कर दी है। गंधेर गांव के किसान जसपाल आजना ने बताया कि गंधेर समेत आसपास के गांवों में बुवाई लायक बारिश हुई है। जिससे कई किसानों ने बुवाई शुरू कर दी है।
किसनों को दी अनाज भण्डारण की तकनीकी जानकारी
कृषक जागरुकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम
प्रतापगढ़.
कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से भण्डारण विकास और विनियामक अधिनियम द्वारा प्रायोजित किसानों, व्यापारियों के लिए एक दिवसीय जागरुकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान की ओर से आयोजित किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी डॉ. योगेश कनोजिया ने किसानों को अपने अनाज को वेयर हाउस में रखने की प्रक्रिया के बारें में जानकारी प्रदान की। डॉ. कनोजिया ने किसानों को कृषि को उपज उचित समय पर भण्डातित कर बाजार में उचित समय पर बेचकर अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि किसान फसल उत्पादन को तुरन्त बाद मण्डी में नहीं बेचकर रजिस्टर्ड गोदाम में जमा की गई उपज के बदले में दी गई रसीद पर किसी भी बैंक से बिना किसी झंझट व मामूली कागजी कार्यवाही से ऋण लेकर अपनी सारी उधार चुका सकता है। तेजी के समय बाजार में उपज का बढ़ा हुआ मूल्य प्राप्त कर लाभ भी कमा सकता है।
अग्रणी जिला प्रबन्धक बीओबी सुनील मोर्य ने बताया कि सभी बैंक किसानों की मदद करनें के लिए तत्पर है। वेयर हाउस बनाने के लिए जो किसान आगे आएंगे, उन्हें बहुत ही कम समय में ऋण मुहैया करवाया जाएगा। साथ ही उन्होंने ने बैंक द्वारा देय ऋण सुविधाओं के बारे में किसानों को जानकारी दी। चौधरी चरणसिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान के सलाहकार राहुल सांखला ने किसानों को अनाज भण्डारण की वैज्ञानिक विधि और उसके फायदे के बारे में जानकारी दी।
तकनीकी सहायक डॉ. रमेशकुमार डामोर ने किसानों को प्रताप धन मुर्गी की नस्ल के बारें में बताया । उन्होने किसानों को खेती से सम्बधित समस्याओं के समाधान के लिए टोल फ्री नम्बर पर पंजीकरण करवाने के लिए प्रोत्साहित किया। राजस्थान स्टेट वेयरहाउस के मैनेजर नरेशचन्द्र खांट ने जिले में संचालित राजस्थान स्टेट वेयर हाउस की भण्डारण क्षमता 18,450 मैट्रिक टन की जानकारी दी।
Published on:
16 Jun 2022 07:46 am
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