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वीडियो: सूखा कचरा नीले में गीला कचरा हरे में

-सूखे व गीले कचरे के लिए रंगे कचरा संग्रहण के वाहन और कचरा पात्र

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pratapgarh

Councilors set ablaze e-tender

प्रतापगढ़. शहरवासी शहर को साफ-सुथरा बनाए और स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में सहयोग कर स्वच्छताग्रही बने इसके लिए प्रत्येक नागरिक अपना कर्तव्य निभाते हुए सूखा और गीला कचरा अलग-अलग कर कचरा वाहन में ही डालें। इस कार्य में लोगों को परेशानी नहीं हो इसके लिए नगरपरिषद की ओर से सभी कचरा संग्रहण वाहनों पर नीला और हरा रंग किया गया है।
यह करना होगा
घरों व दुकानों से निकलने वाले सूखे व गीले कचरे को आप अलग-अलग रखें। कचरा संग्रहण वाहन आने पर सूखे कचरे को कचरा वाहन के नीले रंग वाले भाग में डाले और गीले कचरे को हरे रंग वाले भाग में डालें। शहर में लगे दो रंग के जुड़वा डस्टबीन का उपयोग भी प्रत्येक शहरवासी इसी तरह से कर सकता है।
यह है सूखा कचरा
इस कचरे को अजैविक कचरा भी कहा जाता है। ऐसा कचरा जो आसानी से सड़ता नही हो और बिना मशीनरी के रिसायकल भी न होता हो उसे सूखा कचरा कहा जाता है। इसके अंतर्गत कागज, पन्नी, पु_े, प्लास्टिक, कांच, कपड़े, थर्माकोल आदि आते हैं।
यह है गीला कचरा
वह कचरा जो आसानी से सड़ जाता है या बिना मशीनरी के रिसायकल हो जाता है। उसे गिला कचरा या जैविक कचरा कहते हैं। इसके अंतर्गत पेड़-पौधों की पत्तियां, झूठन, चायपत्ती, राख, फल और उनके छिलके, गोबर, चारा, सब्जियां और उनके छिलके आदि आते हंै।
यह मिलेगा फायदा
गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग डालने से डम्पिंग स्टेशन पर इसे अलग-अलग खाली करने में आसानी होगी। गीले कचरे से डम्पिंग स्टेशन पर जैविक खाद बनाई जा सकेगी वहीं सूखे कचरे को कम्प्रेस कर निस्तारण के लिए निम्बाहेड़ा भेजा जा सकेगा।
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मिलेगा फायदा
नगरपरिषद की ओर से शहर में गीले व सूखे कचरे के लिए नीले व हरे रंग के डस्टबीन रखवाए गए हैं। कचरा संग्रहण वाहनों पर भी नीला व हरा रंग किया गया है ताकि लोगों को गीला व सूखा कचरा अलग-अलग डालने में आसानी रहे।
अशोक कुमार जैन, आयुक्त, नगरपरिषद, प्रतापगढ़