
raja bhaiya
प्रतापगढ़. उत्तर प्रदेश में जहां नेता जीत हासिल करने के पश्चात लखनऊ में अपना डेरा डाल लेते हैं और जनता से दूरियां बना लेते हैं। वहीं प्रतापगढ़ की जनता के दुःख-दर्द में शामिल होने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया बहुत कम उम्र में विधायक और जनता के लोकप्रिय नेता बने। गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले राजा भैया ऐसे ही नायक नहीं बने, उन्होंने गरीबों और पीड़ितों की रक्षा करने का संकल्प सन् 1993 में ही ले लिया था।
बता दें कि जिस समय कुंडा में गुंडाराज चल रहा था। व्यापारी महीना दे रहा था और गरीब मजलूम बेबस लोगों के साथ कुंडा के दबंग लोग अन्याय और जुल्म कर रहे थे। उसी समय पीड़ित जनता की पुकार सुनकर कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया ने कुंडा के लोगों की परेशानियो को समझा और राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश किया। जिस दिन से राजा भैया विधायक बने, उस दिन से लेकर आज तक राजा भैया लगातार सप्ताह में दो दिन जनता दरबार लगाकर पीड़ितों की समस्याओं को सुनकर उसका निदान करते हैं।
राजा भैया की इन्हीं तमाम कोशिशों के कारण आज कुंडा में अपराध पर काफी हद तक अंकुश लग चुका है। चारों तरफ खुशहाली का माहौल है। बता दें कि राजा भैया अपने पिता के आदर्शों पर चलते हुए वृक्षों की सुरक्षा को लेकर सदैव सजग रहते हैं, इसलिए कुंडा को ग्रीन बेल्ट भी कहा जाने लगा है।
कुंडा में अच्छी खेती के साथ आम की पैदावार भी अत्यधिक मात्रा में शुरू हो गयी है। लोग कुंडा को मैंगो बेल्ट के नाम से भी जानने लगे हैं। पर्यावरण पर राजा भैया जनता को लगातार जागरूक करते रहते हैं। राजा भैया अपने विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा समय देने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। कुंडा की जनता उन्हें अपने परिवार का मुखिया मानती है और राजा भैया भी कुंडा विधानसभा के लोगों को अपना परिवार मानते हैं। यही कारण है कि वो लगातार कुंडा से विधायक बनकर लोगों की सेवा करते हैं।
Published on:
22 Aug 2016 08:25 am
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