
राजा भैया और भानवी सिंह के बीच विवाद।
प्रतापगढ़(Raja Bhaiya Bhanvi Singh Dispute :) : राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब फिर एक बार भानवी सिंह ने राजा भैया के ऊपर आरोपों की बारिश कर दी। भानवी सिंह ने X पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा। इस पोस्ट में भानवी सिंह ने कई खुलासे किए। उन्होंने मारपीट के आरोप लगाए।
पढ़िए भानवी सिंह का X पर किया गया पोस्ट… किसी ने मुझे शुरू में ही कहा था आप जिससे लड़ने जा रही हैं यह व्यक्ति कैसा है आपको पता है? मैंने कहा था मुझसे बेहतर कौन जानता है मेरे पति हैं। उनमें बहुत ताक़त है साक्ष्य को प्रभावित कर सकते हैं। गवाहों को तोड़ सकते हैं। पीड़ित को ही मुजरिम बनवा दें यह ताक़त भी उनमें है। यही सब तो इतने सालों में मैंने देखा है। फिर सवाल हुआ कि इतना सब जानती हो तो लड़ना क्यों चाहती हो समझौता कर लो। मैंने कहा लड़ना कभी नहीं चाहती थी बस जब अन्याय और उत्पीड़न की पराकाष्ठा हो गई तो न्याय की आस में उठ खड़ी हुई। मैं समझौता किससे करूँ उनके अवैध रिश्तों से, समझौता किससे करूं उनके भय और आतंक से या समझौता करूं अपने जमीर से।
मुझे पीटा गया। मेरी हड्डियां टूटीं। मेरे फेफड़ों में ज़ख्म हुए। मैं सब बर्दास्त कर लेती अगर एक उम्मीद होती कि शायद ये सुधर जाएंगे। लेकिन उत्पीड़न बढ़ता गया और जान पर बन आई। बच्चों को लेकर क्या क्या सहना पड़ा। बोलना मजबूरी हो गई। अवैध रिश्ता मेरे सब्र पर हर तरह से भारी पड़ रहा था। मुझे किसी ने कहा बच्चे भी टूट जायेंगे तो क्या करोगी? मैंने कहा कुछ नहीं करूंगी बच्चों के लिए ही सबकुछ कर रही थी अगर मुझे कमजोर करने से बच्चे मजबूत होंगे तो मैं बहुत खुश होऊंगी। लेकिन न्याय की जिस राह को मैंने चुना है उससे नहीं डिगूंगी। मुझे अंदर से बुरी तरह मार दिया है अगर मैं ज़िंदा नहीं भी रहूंगी तो क्या हुआ? दुनिया कहेगी कुछ भी एक ऐसे व्यक्ति से सचाई के लिए लड़ी जिससे हर कोई डरता था। उत्पीड़न को मजबूर लड़कियों का अन्याय से लड़ने का हौसला बढ़ेगा।
जो डर लोगों ने मुझे दिखाया था आज वही हो रहा है। गवाह धमकाए जा रहे हैं। ग़लत गवाही दिलवाई जा रही है। धनबल और बाहुबल के आतंक से उन सभी को डराया धमकाया जा रहा है जो सच जानते हैं बोल सकते हैं। लोग मुकर रहे हैं , जो नहीं मुकरे हैं हो सकता है आने वाले दिनों में मुकर जाएं। मेरे साथ जब इतना उत्पीड़न हो सकता है तो जिन लोगों ने यह उत्पीड़न होते देखा है उनका डर लाजिमी है। कोर्ट या पुलिस का प्रोटेक्शन जब तक नहीं होगा ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कौन सच बोल पाएगा।
कोई न बोल पाये। हर कोई डर जाये लेकिन ‘सच’ मेरे साथ हुआ उत्पीड़न आज भी बोल रहा है। मेरी टूटी हुई हड्डियां जो ग़लत जुड़ गईं वो सच बोल रही हैं। एम्स की रिपोर्ट और अन्य मेडिकल रिपोर्ट्स सच्चाई चीख - चीख कर बयान कर रही हैं। इसलिए "मैं 498A मामले में 2015 की मेडिकल रिपोर्ट और AIIMS की 2024 की रिपोर्ट साझा कर रही हूं। इन्हें किसी गवाही की जरूरत नहीं है। मेरे फेफड़ों की स्थायी क्षति को प्रमाणित करती हुई रिपोर्ट देखकर शायद उनका भी जमीर जाग जाये जो धन और करियर के दबाव में अन्याय का साथ देने को मजबूर हैं।
यह सब इसलिए लिख रही हूं क्योंकि कल जब दिल्ली पुलिस जांच के लिए लखनऊ गई, तो मेरे गवाहों को काफ़िलों में आए प्रभावशाली लोगों ने इस कदर धमकाया कि वे डर के चलते पीछे हट गए। सवाल लाजिमी है अगर गवाह ही डर जाएं, तो मुझे न्याय कैसे मिलेगा? लेकिन मैंने कई केस को देखा समझा है। न्याय इतना अंधा नहीं है। पुलिस , कोर्ट जरूर देखेगी कि वह गवाही किन लोगों से और किसके ख़िलाफ़ लेना चाहती है। क्या गवाहों को कोई संरक्षण मिला है। वे आज गवाही देंगे कल उनकी हत्या भी हो सकती है यह डर स्वाभाविक है। जब मैं इतना डरी हूं। तो गवाहों का डर लाजिमी है।
ये धमकियां सिर्फ मुझे चुप कराने की नहीं, बल्कि सच्चाई और न्याय की प्रक्रिया को कुचलने की कोशिश हैं। सवाल बस एक है कि क्या एक महिला की पीड़ा सत्ता और शक्ति के आगे यूँ ही दबा दी जाएगी?" सत्य और न्याय की राह कठिन होती है, लेकिन जीत उन्हीं की होती है जो डटे रहते हैं। मैं अपनों के आचरण से अंदर से टूट जाऊँ लेकिन मेरी न्याय की उम्मीद नहीं टूटी है। कई उदाहरण है जब गवाह बाहुबल के आगे झुक गए। धनबल के आगे मुकर गए । पद और करियर की लालसा में लोगों ने ग़लत बयानी की। लेकिन साक्ष्य सब पर भारी पड़ा।
मुझे उम्मीद है न्याय जरूर होगा। उनके अन्याय और पाप का घड़ा भर चुका है। जो लोग डरा रहे हैं। दरअसल, वे न्याय से डर रहे हैं उन्हें डर है कि न्याय हुआ तो उन्हें जेल भी जाना होगा और सचाई पूरी दुनिया देखेगी।
ईश्वर सब देख रहे हैं। मैं अपनी मेडिकल रिपोर्ट यहां साझा कर रही हूं। अगर कल को ये रिपोर्ट भी नष्ट करने का प्रयास हो और मुझे मारकर मामला ख़त्म करने का प्रयास हो तो इसे साक्ष्य मानकर कार्रवाई की जाये। मेरे मारने ले बाद भी मेरा पोस्टमार्टम जरूर किया जाए। जिससे कोई सच छिपा न सके। और हाँ अगर मोदी जी अमित शाह जी इसकी सीबीआई जाँच करवा दें तो बहुत से ऐसे भेद खुलेंगे जो न्याय के लिए और जनहित में भी जरूरी हैं।
मेरी मां पहली बार सार्वजनिक रूप से ट्विटर पर इसलिए बोल रही हैं क्योंकि उनके गवाहों को धमकाया जा रहा है, उन्हें मानसिक और शारीरिक यातना दी जा रही है। अगर वो आपके जैसे लोगों की सलाह मान लेंगी, तो उनकी जान पर बन आएगी। जब आप मेरी मां की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी नहीं ले सकते, तो कृपया ऐसे समय में अपनी टिप्पणियां करने से परहेज़ करें। यह लड़ाई उनकी मजबूरी है, न कि कोई स्वार्थ।
Updated on:
26 May 2025 02:59 pm
Published on:
26 May 2025 02:58 pm
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