
Pratapgarh News: राजा प्रताप बहादुर अस्पताल में शनिवार देर रात उस समय भारी हंगामा खड़ा हो गया, जब अचलपुर निवासी अभिषेक कुमार के स्वजनों ने अस्पताल प्रशासन पर बच्चा बदलने का गंभीर आरोप लगाया। नवजात की मौत के बाद शव दफनाने के कुछ घंटों बाद ही परिजन वापस अस्पताल पहुंचे और वहां भर्ती एक अन्य महिला के बच्चे को अपना बताने लगे। करीब 21 घंटे तक अस्पताल प्रशासन, पुलिस और नवजात के स्वजनों के बीच चली 'पंचायत' बेनतीजा रही। स्वजन डीएनए जांच की मांग पर अड़े हुए हैं।
क्या है पूरा मामला?
अचलपुर निवासी अभिषेक कुमार की पत्नी आंचल को शनिवार दोपहर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है। ऑपरेशन से डिलीवरी के बाद नवजात को एसएनसीयू वार्ड में रखा गया। डॉक्टरों ने सीपीआर दिया, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों ने बताया कि गंदा पानी अंदर जाने से बच्चे की मौत हुई।
भारी मन से स्वजन नवजात का शव लेकर चले गए और उसे दफन भी कर दिया।
रात 10 बजे फिर मचा हंगामा
रात करीब 10 बजे अभिषेक कुमार फिर से महिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने वहां भर्ती एक अन्य महिला 'आंचल' के बच्चे से अपने बच्चे को बदलने का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। इस दूसरी महिला को चार दिसंबर को बेटा हुआ है, जो स्वस्थ है।
सूचना मिलते ही डायल 112 पुलिस और अस्पताल चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। शनिवार देर रात से लेकर रविवार शाम तक दोनों पक्षों के बीच बातचीत चलती रही, लेकिन बच्चा बदलने के आरोप पर स्वजन अपनी मांग से टस से मस नहीं हुए।
प्रशासन का पक्ष और जांच का आदेश
सीएमएस डॉ. रमेश कुमार पांडेय ने पूरे मामले पर अस्पताल का पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि अस्पताल में आंचल नाम की दो प्रसूताएं थीं। एक के नवजात ने दम तोड़ दिया, जबकि दूसरी आंचल को चार दिसंबर को हुआ बेटा स्वस्थ है। स्टाफ नर्स दूसरी आंचल को नवजात को दूध पिलाने के लिए एसएनसीयू गेट से बुला रही थी। इसी बात को लेकर अभिषेक को आशंका हुई। उनके स्वजन खुद का बच्चा होने का दावा करने लगे।
चिकित्सकों ने आरोपों से इन्कार किया, लेकिन स्वजन जिस बच्चे को दफन कर चुके थे, उसे कब्र से निकालकर फिर से अस्पताल ले आए और हंगामा शुरू कर दिया।
DNA जांच से निकलेगा हल
सीएमएस ने बताया कि बच्चा बदलने का आरोप पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने कहा कि रविवार शाम छह बजे पुलिस ने नवजात के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। असली माता-पिता का पता लगाने के लिए स्वजन की मांग पर डीएनए जांच भी कराई जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डीएनए जांच के बाद विधिक परामर्श से ही समस्या का हल होगा।
फिलहाल, अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी है।
Published on:
08 Dec 2025 11:05 pm
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