
कुंडा के पूर्व चेयरमैन गुलशन यादव (लाल टोपी में) लगातार विधायक राजा भैया को सियासी चुनौती दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की कुंडा नगर पंचायत में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। इसकी वजह कुंडा विधायक राजा भैया और कभी उनके करीबी रहे गुलशन यादव के बीच मुकाबला होना है।
राजा भैया और गुलशन यादव में विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला हुआ था। निकाय चुनाव में एक बार फिर दोनों नेता आमने सामने हैं। राजा भैया की पार्टी ने उषा त्रिपाठी को उतारा है। सपा की ओर से गुलशन यादव की पत्नी सीमा कैंडिडेट हैं।
हम इस चुनाव को जीत रहे हैं: गुलशन यादव
गुलशन यादव ने एक इंटरव्यू में कहा है कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने चेयरमैन रहते हुए काम किया है। उनको अपने किए विकास कार्यों पर भरोसा है और यही उनकी जीत का फॉर्मूला बनने जा रहा है।
गुलशन ने कहा कि राजा भैया की पार्टी की कैंडिडेट से वो अपना मुकाबला नहीं मान रहे हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि विधानसभा में डेढ़ लाख से जीत का दावा करने वाले राजा भैया 30 हजार वोटों से जीते। वो भी तब हुआ जब उन्होंने बूथ कैप्चरिंग की और फिर प्रशासन ने वोटिंग के समय उनका पक्ष लिया।
गुलशन यादव ने हालांकि विधानसभा की हार का बदला लेने की बात तो नकार दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी और राजा भैया की पार्टी के कैंडिडेट लड़ रहे हैं। कोई बदले की बात नहीं है लेकिन हमें अपनी जीत का पूरा भरोसा है।
एक-दूसरे के दोस्त रहे हैं गुलशन और राजा भैया
गुलशन यादव कुंडा के पूर्व चेयरमैन और उनकी पत्नी सीमा यादव निवर्तमान चेयरमैन हैं। सीमा एक बार फिर कैंडिडेट हैं। गुलशन के भाई छविलाल यादव सपा के प्रतापगढ़ के जिलाध्यक्ष हैं। दूसरी ओर राजा भैया कुंडा के करीब 3 दशक से विधायक हैं। गुलशन यादव 2017 तक राजा भैया के बेहद करीबी माने जाते थे लेकिन बाद में दोनों के रास्ते अलग हो गए। ऐसे में नगर पंचायत दोनों ही पक्षों के लिए नाक का सवाल बनी हुई है।
Updated on:
28 Apr 2023 11:45 am
Published on:
28 Apr 2023 11:44 am
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