30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अखिलेश यादव का बड़ा दावा: प्रयागराज पुलिस में PDA वर्ग को सिर्फ 25% प्रतिनिधित्व, बताया ‘आनुपातिक अन्याय’

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस महकमे में नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल उठाए हैं।

less than 1 minute read
Google source verification
akhilesh yadav

उन्होंने प्रयागराज पुलिस की पोस्टिंग को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक ग्राफ साझा करते हुए दावा किया कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक यानी पीडीए वर्ग को नियुक्तियों में न्याय नहीं मिल रहा है। उन्होंने इसे "आनुपातिक अन्याय" करार दिया।

अखिलेश यादव का दावा है कि प्रयागराज में की गई कुल 44 पुलिस पोस्टिंग में से केवल 11 अधिकारी पीडीए वर्ग से हैं, जबकि 14 पदों पर ‘सिंह’ उपनाम वाले और 19 अन्य सामान्य वर्ग से हैं। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा उत्तर प्रदेश पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त किया गया है। इस पोस्ट के साथ उन्होंने पूछा कि आखिर 90 प्रतिशत पीडीए को केवल 25 प्रतिशत प्रतिनिधित्व क्यों दिया गया?

डीजीपी प्रशांत कुमार ने दी थी नसीहत

इससे पहले, उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने अखिलेश यादव के पहले के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को इस तरह की टिप्पणियों से बचना चाहिए। उनके बयान के बाद अब अखिलेश ने एक बार फिर सियासी हमला तेज करते हुए पुलिस विभाग की कथित भेदभावपूर्ण नियुक्तियों को मुद्दा बनाया है।

यह भी पढ़ें: 2027 में कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव, BJP को सत्ता से बेदखल करने का दावा

यह पूरा मामला अब राजनीतिक बहस का केंद्र बनता जा रहा है। सपा प्रमुख लगातार पुलिस में जातिगत संतुलन की मांग कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि बीजेपी सरकार में पीडीए वर्ग के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। यह मुद्दा आगामी चुनावों में भी अहम भूमिका निभा सकता है क्योंकि यह न केवल सामाजिक न्याय से जुड़ा है, बल्कि सरकार की नीतियों पर भी बड़ा सवाल उठाता है।