
इलाहाबाद हाई कोर्ट
इलाहाबाद. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में आज कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज व संविधान का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है। राष्ट्रगान न केवल संवैधानिक कर्तव्य है अपितु राष्ट्रीय अखण्डता, पंथ निरपेक्षता, लोकतांत्रिक भावना का प्रसार करता है। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रध्वज केवल कपड़ा व स्याही का टुकड़ा मात्र नहीं है। यह स्वाधीनता के लक्ष्य को हासिल करने का जरिया है। कोर्ट ने कहा कि इस नाते राष्ट्रगान गाना व राष्ट्रध्वज फहराना सभी शिक्षण व अन्य संस्थाओं में अनिवार्य है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डी.बी.भोसले एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने मऊ के अलौल मुस्तफा की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याचिका में तीन अगस्त 17 के शासनादेश और 6 दिसम्बर 2017 के सरकुलर को चुनौती देते हुए उसे रद्द करने की मांग की गयी थी। इनके द्वारा सरकार ने प्रदेश के मदरसों में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है। याचिका में मांग की गयी थी कि मदरसों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को राष्ट्रगान गाने के लिए विवश न किया जाए। कहा गया कि यदि उन्हें ऐसा करने के लिए विवश किया जाता है तो यह देशभक्ति थोपा माना जायेगा। साथ ही उन्हें इस तरह के गीत गाने के लिए विवश नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याची दूर दूर तक ऐसा कोई तथ्य बताने में असफल रहा कि राष्ट्रगान गाने से उसकी धार्मिक आस्था का विश्वास प्रभावित होगा। याची यह साक्ष्य भी नहीं प्रस्तुत कर सका कि मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को इस पर आपत्ति है।
कोर्ट ने संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों को आदेश दिया है कि स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी शिक्षण संस्थाओं में राष्ट्रगान व राष्ट्रध्वज फहराना सुनिश्चित कराये वाहे वे पंजीकृत हो या नहीं। कोर्ट ने याची को सलाह दी कि वह संवैधानिक दायित्व की शिक्षा ग्रहण करे जो सभी लोगों ने स्वीकार की है और हमेशा अपने मस्तिष्क में याद रखें कि उसका ऐसा प्रयास सौहार्द्र को बिगाड़ने वाला है। कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 51 ए के अनुसार देश में प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान, राष्ट्रीय ध्वज व राष्ट्रगान का सम्मान करें। राष्ट्रगान में देश का इतिहास, इसकी प्रथाओं व संस्कृति को बढ़ावा देने और आपसी भाईचारा को बढ़ावा देने के तथ्य है।
Updated on:
05 Oct 2017 07:23 am
Published on:
05 Oct 2017 06:56 am
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