
आजम खान
इलाहाबाद. प्रदेश के कद्दावर सपा नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खां के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर जौहर विश्वविद्यालय को नोटिस जारी की है। कोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार और आजम खां सहित जौहर विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि पिछले एक साल में विश्वविद्यालय परिसर से घिरे गेस्ट हाउस में कितने वी.आई.पी. रूके और गेस्ट हाउस, झील सहित कोसी नदी किनारे के सुन्दरीकरण के लिए सरकार ने कितने धन खर्च किए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच टीम को जांच जारी रखने का भी निर्देश दिया है। आजम खां के अधिवक्ता से कोर्ट ने पूछा है कि विश्वविद्यालय को कितनी जमीन पट्टे पर दी गयी है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल सलाम की जनहित याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता अनिल तिवारी का कहना है कि 2005 में प्राइवेट ट्रस्ट ने जौहर विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जिसके आजम खां आजीवन कुलाधिपति हैं। रामपुर शहर की विकास योजनाओं जैसे स्टेडियम, झील, वीआईपी गेस्ट हाउस को विश्वविद्यालय की बाउण्ड्री के भीतर कर लिया गया है। सरकारी फण्ड से कोसी नदी किनारे का सुन्दरीकरण किया गया। 10 किलोमीटर तक विश्वविद्यालय का कब्जा है। लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में सरकारी निर्माणों को विश्वविद्यालय ने घेर लिया है।
आम लोगों की पहुंच से दूर करते हुए विश्वविद्यालय ने सरकारी सम्पत्ति को हथिया लिया है। गेस्ट हाउस का निर्माण पी.डब्लू.डी. ने दो करोड़ 28 लाख में कराया है जिसमें विश्वविद्यालय की अनुमति से ही प्रवेश किया जा सकता है। सरकार की करोड़ों की योजनाओं को विश्वविद्यालय ने अपने कब्जे में ले लिया है। नदी किनारे झील पर कब्जा कर मछली पालन से आय विश्वविद्यालय ले रहा है।
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता ए.के.गोयल ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच जिलाधिकारी द्वारा की गयी थी। सरकार इस मामले में बेहद गंभीर है और विशेष टीम गठित की है जो पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी। लोक निर्माण विभाग ने लगभग दो हजार करोड़ रूपये का विकास कार्य किया है। तेरह सौ एकड़ जमीन विश्वविद्यालय ने बाउण्ड्रीवाल से घेर ली है। चांसलर के घर तक सीवर लाइन बिछी है। इसकी वैधता पर जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जायेगी।
भारत के अपर सालीसीटर जनरल शशि प्रकाश सिंह ने कोर्ट को बताया कि शत्रु सम्पत्ति (सरकारी सम्पत्ति) पर भी अवैध कब्जा कर लिया गया है। आजम खां की तरफ से अधिवक्ता कमरूल हसन सिद्दीकी व सफदर अली काजमी ने याचिका में लगाये गये आरोपों को निराधार बताया और कहा कि विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे। उन्होंने याचिका की पोषणीयता पर यह कहते हुए आपत्ति की कि याची पहले से ही विपक्षी से राजनैतिक वैमनस्यता रखता है। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया और राज्य सरकार से पूछा कि विभिन्न योजनाओं में कितना सरकारी धन खर्च हुआ है और सरकारी सम्पत्ति पर प्राइवेट संस्था का कैसे नियंत्रण है।
BY- Court Corrospondence
Published on:
12 Jul 2018 10:49 pm
बड़ी खबरें
View Allप्रयागराज
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
